15 अप्रैल तक करें कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए अप्लाई
नई दिल्ली। हर वर्ष की ही तरह इस बार भी पवित्र कैलाश मानसरोवर यात्रा जून से शुरू होगी। दो चरणों में होने वाली यह यात्रा का जून से शुरू होकर सितंबर तक चलती है।
इसके मद्देनजर विदेश मंत्रालय की ओर से यात्रा से जुड़ी तमाम जानकारियों के साथ एक अधिसूचना जारी कर दी गई है।
अमरनाथ यात्रा में किन बातों को हरगिज न भूलें
इस यात्रा के लिए आवेदन करने की अंतिम तारीख 15 अप्रैल है। अगर आपको यात्रा के लिए अप्लाई करना है तो सिर्फ वेबसाइट http://kmy.gov.in/kmy/noticeboard.do पर ही जाकर आवेदन कर सकते हैं।
पिछले वर्ष इस यात्रा को और सरल बनाने के लिए चीन की ओर से नाथुला पास को भी तीर्थयात्रियों के लिए चीन की ओर से खोल दिया गया है।
अमरनाथ यात्रा का पूर्ण विवरण
चीन ने यह कदम भारत के साथ हुए एक समझौते के बाद उठाया था। आगे जानिए आप इस यात्रा के लिए कैसे अप्लाई कर सकते हैं और आपको किन-किन बातों का ध्यान रखना होगा।
वेबसाइट पर जाकर करें अप्लाई
अगर आपको यात्रा के लिए अप्लाई करना है तो आप वेबसाइट http://kmy.gov.in/kmy/noticeboard.do पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की अंतिम तारीख 15 अप्रैल है। यात्रा जून से शुरू होगी और सितंबर तक चलेगी।
दो मार्गो में यात्रा का आयोजन
कैलाश मानसरोवर यात्रा प्रतिवर्ष विदेश मंत्रालय द्वारा जून से सितंबर तक दो भिन्न मार्गों से आयोजित की जाती है- लिपुलेख दर्रा (उत्तराखंड) और नाथुला (सिक्किम)। यह यात्रा अपने धार्मिक मूल्यों , सांस्कृतिक महत्व, भौतिक सौंदर्य तथा रोमांचक प्राकृतिक परिवेश के लिए प्रसिद्ध है। प्रति वर्ष सैकड़ों लोग इस यात्रा को करते हैं।
क्या है यात्रा का महत्व
भगवान शिव का निवास स्थल होने के कारण हिंदुओं के लिए इसका धार्मिक महत्व है। साथ ही यह जैनियों और बौद्धों के लिए भी महत्वपूर्ण है।
पासपोर्ट बहुत जरूरी
यह यात्रा केवल भारतीय नागरिकों के लिए है जो धार्मिक उद्देश्य से यात्रा पर जाना चाहते हैं, जिसके लिए भारतीय पासपोर्ट अनिवार्य है।
ट्रैकिंग अभियान के तौर पर भी प्रसिद्ध
कैलाश मानसरोवर यात्रा को भारतीय पर्वतारोहण फाउंडेशन द्वारा एक ट्रैकिंग अभियान के रूप में मान्यता दी गई है। विदेश मंत्रालय यात्रियों को किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता या कोई अनुदान राशि प्रदान नहीं करता है।
पहला रास्ता उत्तराखंड
इस यात्रा के दो रास्ते हैं पहला लिपुलेख पास जो कि उत्तराखंड में है और इस रास्ते से जाने के लिए विदेश मंत्रालय 18 जत्थों की अनुमति देता है। इस रास्ते से यात्रा करने पर आपको 1.6 लाख रुपए अदा करने होंगे।
दूसरा रास्ता और इसका खर्च
इस यात्रा का दूसरा मार्ग है सिक्किम स्थित नाथुला पास और इस यात्रा के लिए सात जत्थों की अनुमति दी गई है। इस रास्ते से यात्रा की अवधि 23 दिन है। यात्रा का खर्च करीब दो लाख रुपए है।
पहला पड़ाव होगा दिल्ली
यात्रियों को यात्रा शुरू करने से पूर्व तैयारी और मेडिकल चेकअप के लिए तीन से चार दिन दिल्ली में ठहरना होता है। दिल्ली सरकार निशुल्क भोजन एवं आवास की सुविधाएं केवल यात्रियों के लिए प्रदान करती है।लेकिन यात्री अपने भोजन एवं आवास की व्यवस्था करने के लिए स्वतंत्र हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
यात्रा अत्यधिक ठण्डे एवं बीहड़ इलाके सहित कई दुर्गम परिस्थितियों तथा 19,500 फीट तक की ऊंचाई के रास्ते से होकर गुजरती है जहां सीमित सुविधाएं हैं, इसलिए यह यात्रा शारीरिक एवं चिकित्सीय रूप से अस्वस्थ लोगों के लिए दुर्गम हो सकती है।
करने होंगे सहमति पत्र पर साइन
अगर सीमा पार (चीन/तिब्बत) में किसी यात्री की मृत्यु हो जाती है तो भारत सरकार तीर्थयात्री का पार्थिव शरीर वापस लाने हेतु बाध्य नहीं है। इसलिए, मृत्यु के संदर्भ में चीनी क्षेत्र पर पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार करने के लिए सभी यात्रियों को सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करना आवश्यक है।