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पर्यावरण दिवस(5 जून): आओ कोई पेड़ लगायें आने वाले कल के वास्ते

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आंचल श्रीवास्तव

स्वतंत्र पत्रकार
आंचल पत्रकारिता एवं जनसंचार में पोस्ट ग्रेजुएट हैं, आंचल को ब्लोगिंग के अलावा फोटोग्राफी का शौक है, वे नियमित रूप से राष्ट्रीय और अंतरष्ट्रीय मुद्दों पर लिखती रहती हैं।

हर वर्ष की तरह से इस वर्ष भी पर्यावरण दिवस आ गया है। 365 दिनों में एक दिन जब हम अपने पर्यारवरण को लेकर बड़ी बड़ी बातें करते है बड़े वादे करते हैं मीलों लम्बे भाषण दिए जाते हैं और अगले दिन से वापस अपने गैर जिम्मेदाराना रवैये पर वापस आ जाते हैं।

Pics:सचिन-रोहित-रहाणे ने लगाया पेड़, कहा पर्यावरण बचाओ

5th June World Environment Day (WED): Save Tree, save life

करने होंगे ये ज़रूरी काम

यह तो हम सब जानते हैं की पर्यवरण को ठीक रखने के लिए हमे वो सब काम करने होंगे जो अबतक हमने नहीं किये। मसलन पानी बचाना; पेड़ लगाना; प्रदूषण कम करना; हानिकारक रसायनों का इस्तेमाल कम करना ;वर्ष जल संचयन; पैदावार के लिए आर्गेनिक खाद का प्रयोग करना और बहुत कुछ। यह सभी बातें हम सब जानते हैं। और यह भी जानते हैं की इमानदारी से हमने इनमे से एक भी काम सही ढंग से नहीं किया या शायद किया ही नहीं।

कानून की सहायता भी मिल सकती है

भारत में पर्यावरण कानून का इतिहास 125 वर्ष पुराना है। प्रथम कानून सन् 1894 में पास हुआ था, जिसमें वायु प्रदूषण नियंत्रणकारी कानून थे। वर्तमान समय में पर्यावरण संरक्षण एक जटिल समस्या है तथा वह संपूर्ण विश्व के लिए चुनौती है। आज का बढ़ता हुआ प्रदूषण संपूर्ण मानव-जाति के लिए अभिशाप बन गया है। मानव के अतिरिक्त वन एवं वन्य जीव प्रदूषण से त्रस्त हैं। इसी कारण संविधान में पर्यावरण संरक्षण पर विशेष बल दिया जा रहा है तथा इस समस्या से निपटने के लिए समय-समय पर कई कानून भी बनाए गए हैं।

  • जल प्रदूषण अधिनियम
  • पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986
  • भारतीय वन अधिनियम, 1927
  • वन संरक्षण अधिनियम, 1980
  • वन संरक्षण नियम, 1981
  • वन्य प्राणी सुरक्षा अधिनियम, 1972
  • मोटर गाड़ी अधिनियम, 1988

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पेड़ लगाने के बदले मिले पैसे

इतने कानून होने के बाद भी हम कुछ नहीं कर पा रहे| सिर्फ नियम बनाना ही काफी नहीं उनका पालन करना भी उतना ही ज़रूरी है। अपनी ओर से नन्हे कदम हमे इस उद्देश्य में किसी जगह तक तो पहुचाएंगे। अगर बेरोजगारों को पेड़ लगाने के बदले कुछ राशि मिलने लगे तो देश में हरियाली फिर से वापस आ सकती है। ऐसे में पर्यावरण सम्बन्धी कई दिक्कतों से छुटकारा मिल सकता है। एक नन्हा सा पौधा ज़रूरी है आने वाली प्रलय को रोकने के लिए।

पढ़ें: आंचल श्रीवास्तव के लेख वनइंडिया पर

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English summary
World Environment Day (WED) is celebrated every year on JUNE 5 to raise global awareness to take positive environmental action to protect nature and the planet Earth. It is run by the United Nations Environment Programme (UNEP).
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