ये हैं इमरजेंसी की चीफ ग्लैमर गर्ल 'रूखसाना सुल्ताना', जिन्हें देखते ही डर से कांप जाते थे लोग
नई दिल्ली। भारतीय लोकतंत्र में 25 जून को एक काले दिन के तौर पर याद किया जाता है, आज ही के दिन 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल का ऐलान किया था, आज इमरजेंसी को 44 साल पूरे हो गए हैं, आपको बता दें कि देश में साल 1975 से लेकर 1977 तक देश में इमरजेंसी लगी थी और इस दौरान बहुत सारी ऐसी चीजें हुई थीं जिसने देश में नफरत और विद्रोह पैदा कर दिया था, इस दौरन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के छोटे बेटे संजय गांधी ने जनसंख्या नियंत्रण को रोकने के लिए नसबंदी कैंप चलाया था।
इमरजेंसी की चीफ ग्लैमर गर्ल 'रूखसाना सुल्ताना'
जिसकी जिम्मेदारी सौंपी गई थी समाज सेवी 'रुखसाना सुल्ताना' को, जो कि इतिहास के पन्नों में इमरजेंसी की 'चीफ ग्लैमर गर्ल' नाम के नाम से विख्यात हैं, समाज सेवी और बेइंतहा खूबसूरत 'रूखसाना सुल्ताना' को संजय गांधी का काफी करीबी माना जाता था, इसलिए ही उन्हें गांधी के नसबंदी कैंप की जिम्मा सौंपा गया था, लेकिन जनसंख्या नियंत्रण के लिए चलाए गए इस कैंपन ने विकराल और खौफनाक रूप धारण कर लिया था क्योंकि उस वक्त कुछ ऐसे केस सामने आए, जिसमें लोगों की जबरन नसबंदी की गई थी।
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रूखसाना सुल्ताना के देखते ही भाग खड़े होते थे लोग
जिससे लोगों के बीच खासकर के मुस्लिम समुदाय के अंदर एक खौफ बैठ गया था, हालांकि संजय गांधी का मानना था कि देश में परिवार नियोजन के लिए नसबंदी करानी जरूरी है और इसे जागरूकता अभियान की तरह चलाना चाहिए लेकिन उन दिनों जिस तरह नसबंदी की जा रही थी उससे पुरानी दिल्ली में जागरुकता नहीं बल्कि लोगों के बीच डर फैल गया था।
कैंपन से डर गए थे मुस्लिम समाज के लोग
60 साल के बुजुर्गों से लेकर 18 साल के जवानों तक की नसबंदी हो रही थी, नए-नवेले शादी-शुदा लोगों को भी नसबंदी के लिए मजबूर कराया जा रहा था,जिसके कारण लोग दहशत के साए में जी रहे थे और इसलिए जब इमरजेंसी की चीफ ग्लैमर गर्ल 'रूखसाना सुल्ताना' पुरानी दिल्ली कि किसी बस्ती में कदम रखती थीं तो वहां लोग डर के मारे गायब हो जाते थे।
'रूखसाना सुल्ताना' की बेटी हैं अमृता सिंह
उस वक्त के समाचार पत्रों में 'रूखसाना सुल्ताना' के लिए काफी कुछ लिखा गया है, हालांकि आपातकाल के समाप्त होते ही 'रूखसाना सुल्ताना' मीडिया और राजनीति के प्लेटफार्म से गायब हो गईं और इसके कुछ वक्त बाद पता लगा कि उन्होंने आर्मी ऑफिसर शविंदर सिंह से शादी कर ली है, जो मशहूर लेखक खुशवंत सिंह के भतीजे थे।
मीडिया से गायब हुईं 'रूखसाना सुल्ताना'
शादी के बाद वो गांधी परिवार के साथ भी कहीं दिखाई नहीं दी लेकिन साल 1983 में उनकी एक बार फिर से चर्चा तब हुई, जब फिल्म 'बेताब' के जरिए रूपहले पर्दे पर अभिनेत्री अमृता सिंह ने कदम रखा।
अमृता सिंह की मां मु्स्लिम और पिता सिख
अमृता सिंह अस्सी-नंबे के दशक की मशहूर अभिनेत्री रही हैं,अमृता मु्स्लिम मां और सिख पिता की संतान हैं, साल 1991 में उन्होंने अपने से दस साल छोटे फिल्म स्टार सैफ अली खान से शादी की थी, जिसके लिए उन्हें इस्लाम को अपनाना पड़ा था, हालांकि साल 2004 में दोनों का तलाक हो गया, इस शादी से अमृता को दो बच्चे सारा और इब्राहिम हैं, सारा भी फिल्मी दुनिया में कदम रख चुकी हैं।
फिल्म 'इंदु सरकार'
साल 2017 में रिलीज हुई मधुर भंडारकर की फिल्म 'इंदु सरकार', जो कि इमरजेंसी पर बनी फिल्म थी, में 'रूखसाना सुल्ताना' का करेक्टर विस्तार से दिखाया गया था,पर्दे पर 'रूखसाना सुल्ताना' का रोल अभिनेत्री रश्मि झा ने प्ले किया था।
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