बच्चों के बस्ते की जगह कबाड़खाने में दम तोड़ता सर्व शिक्षा अभियान, कबाड़ में बेच दी हजारों सरकारी किताबें
फतेहपुर। सरकार सर्व शिक्षा अभियान के तहत पढ़ाई के लिए लाखों-करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा रही है। शिक्षा सभी तक पहुंच सके इसके लिए प्राइमरी और जूनियर तक के सरकारी विद्यालयों में मुफ्त में ड्रेस से लेकर भोजन और किताबें तक दी जाती हैं लेकिन, सरकार की इस मुहीम को उसी के नुमाईंदे चूना लगाने में जुटे हैं। ऐसा ही बड़ा मामला जनपद के खागा तहसील के धाता बीआरसी का है। जहां बच्चों को पढ़ाने के लिए दी जाने वाली किताबों को बीआरसी के ही एक कर्मचारी ने कबाड़ी के हाथों बेचने का दुस्साहस किया है।
लोगों का कहना है कि किताबों को ट्रैक्टर पर लादकर बेचने वाला ट्रेक्टर मालिक खुद एनपीआरसी ही है। जिसके द्वारा बच्चों के बस्ते से सरकारी किताबों को छीनकर कबाड़ी को बेच देने का जघन्य अपराध किया गया है। ये सभी किताबें साल 2016-17 और 2018 की हैं। शिक्षा विभाग के कर्मचारी की हरकतों की पोल तब खुल गई जब कबाड़ी की दुकान में नापतौल करते समय तस्वीरें कैमरे में कैद होते ही पूरी मामला खुलकर सामने आ गया। और जिम्मेदार जांच कराने के बाद कार्रवाई करने की बात करने लगे।
सवाल उठता है कि अगर सरकार करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा रही है फिर क्या बच्चों को दी जाने वाली किताबें पूरी तरह से बांटी तक नहीं जा रही हैं। यदि किताबें बांटी जाती तो ये किताबें कहां से कबाड़खाने में आ जाती। शिक्षा विभाग को कानून या सरकार का बिलकुल भी डर नहीं दिखाई देता। बच्चों के बस्तो में होने वाली यह किताबें बीआरसी से बाकायदा ट्रैक्टर पर लादाकर कबाड़ी की दुकान पर बेचने के लिए भेजी गई थी। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले कर्मचारी इतने निरंकुश कैसे हो सकते है कि बच्चों से शिक्षा जैसी बहुमूल्य चीज छीन लें। अब देखना यह है कि इन भ्रष्ट कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई होगी या फिर सब ठंडे बस्ते में चला जाएगा।
ट्रैक्टर
मालिक
शिक्षा
विभाग
का
कर्मचारी
देश
के
होने
वाले
भविष्य
के
हाथों
से
शिक्षा
छीन
कर
कबाड़ी
की
दुकान
तक
पहुंचाने
वाला
ट्रेक्टर
धाता
बीआरसी
केंद्र
पर
तैनात
एक
एनपीआरसी
का
बताया
जा
रहा
है।
14 वर्ष तक के बच्चों के लिए शिक्षा का अधिकार
शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा 14 वर्ष तक के बच्चों के लिए कक्षा 8 तक निशुल्क शिक्षा देने की व्यवस्था की जाती है जिसमें बच्चों के लिए निशुल्क कॉपी-किताबें, ड्रेस, बस्ता व जूते भी शामिल हैं। जबकि सरकार बच्चों को दोपहर का भोजन भी मिड डे मील के नाम से निशुल्क उपलब्ध कराती है।
दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई
बेसिक शिक्षा अधिकारी शिवेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा। खण्ड शिक्षा अधिकारी से स्पष्टिकरण मांगा गया है। रिपोर्ट आते ही कार्रवाई की जायगी।