9 महीने पहले रेप का शिकार हुई किशोरी ने थाने के चक्कर लगाते-लगाते दी जान
फतेहपुर। यूपी के फतेहपुर में 9 माह पूर्व रेप का शिकार हुई एक बेटी इंसाफ मांगती रही लेकिन पुलिस ने रहम नहीं दिखाया और न ही उस बेटी को इंसाफ दिलाया। लोगों की उलाहना से आजिज आकर नाबालिग किशोरी ने अपनी जान दे दी। मामला गाजीपुर थाना क्षेत्र के एक गांव का है जहां एक 13 वर्षीय बालिका के साथ दुष्कर्म की घटना हुई थी जिसका आरोप तीन युवकों साबिर, ताहिर और बुदुल पर था।
थाने में नहीं हुई सुनवाई
पीड़िता ने घटना की जानकारी परिवार को दी और मां के साथ थाने पहुंची। प्रकरण की जानकारी देकर कार्रवाई की मांग की लेकिन पुलिस ने रेप का नहीं, छेड़छाड़ का केस दर्ज किया। पीड़िता के परिवार द्वारा बार-बार थाने के चक्कर लगाए जाने के साथ ही इंसाफ की गुहार लगाई जाती रही। पीड़िता को बार-बार थाने का चक्कर लगाती रही। परिजनों के मुताबिक, 12 जुलाई को किशोरी के साथ एक बार फिर से छेड़छाड़ हुई। इंसाफ की आस में एक बार फिर थाने पहुंची युवती की कोई सुनवाई नहीं हुई।
मामले को रफा-दफा करना चाहती थी पुलिस: मां
इससे क्षुब्ध किशोरी ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। युवती ने जिस समय आग लगाई, परिवार के लोग खेतों में काम पर गये हुए थे। पुलिस द्वारा घटना पर लगभग पर्दा डाल दिया गया था लेकिन मामला मीडिया के संज्ञान में आया तो एसपी ने जांच का आदेश किया। पीड़िता की मां ने कहा दुष्कर्म के आरोपी के पिता से मिलकर पुलिस ने मामले को रफा-दफा भी करना चाहा लेकिन इंसाफ की मांग पर अड़ी उसकी बेटी को न्याय तो नहीं मिला लेकिन उसकी जान चली गई।
एसपी ने दिए जांच के आदेश
घटना के बाबत पुलिस अधीक्षक रमेश ने प्रकरण की जांच सीओ जाफरगंज श्रीपाल को देते हुए मामले की जांच किए जाने का निर्देश दिया है। एसपी भले ही जांच की बात कर रहे हैं लेकिन आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। सवाल यह है कि एक बेटी को न्याय दिलाने की जगह थाने से टरकाने वालों पर क्या कोई कार्रवाई होगी?
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