यूपी की सरकारी टीचर अनामिका शुक्ला निकली 'सुप्रिया', पिता ने किए चौंकाने वाले खुलासे
फर्रुखाबाद। उत्तर प्रदेश के 25 जिलों में नौकरी करने करने वाली टीचर 'अनामिका शुक्ला' का खुलासा होने के बाद से शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। यूपी बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने लड़कियों के लिए बने सभी 746 आवासीय स्कूलों के रिकॉर्ड की जांच का आदेश दिए हैं। दूसरी ओर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। अब ये बात सामने आई है कि कासगंज से गिरफ्तार होने वाली टीचर का असली नाम अनामिका शुक्ला नहीं बल्कि सुप्रिया है। सुप्रिया फर्रुखबाद के विकासखंड कायमगंज की रहने वाली है। उसके पिता ने भी कई बड़े और चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
टीचर के पिता ने बताई चौंकाने वाली बातें
कासगंज में गिरफ्तार हुई टीचर सुप्रिया के पिता महिपाल सिंह ने बताया कि उनकी दो बेटियां हैं।छोटी बेटी सुप्रिया ने ग्राम भटासा के रामदर्शनी राजकीय इंटर कॉलेज से इंटरमीडिएट व कायमगंज के शकुंतला देवी कॉलेज से बीए पास किया है। इसके बाद उसकी दोस्ती मैनपुरी निवासी नीतू नाम के युवक से हो गई, जो मैनपुरी का रहने वाला था। उसने अपने को प्राथमिक स्कूल का शिक्षक बताया था। धीरे-धीरे नीतू का घर आना-जाना हो गया। बीए पास करने के बाद उसने सुप्रिया को संविदा पर नौकरी लगवाने के लिए डेढ़ लाख रुपए मांगे। जैसे-तैसे 50 हजार रुपए दिए और बाकी नौकरी लगने के बाद वेतन से काटने को कहा। इस पर नीतू राजी हो गया। उसने कासगंज के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में साइंस टीचर की नौकरी लगवाई थी। वेतन मिलने के बाद उसने एक लाख रुपए भी ले लिए।
'बेटी को इस्तीफा देने भेजा था, गिरफ्तार कर लिया'
महिपाल का कहना है कि उन्हें इस बात का कुछ भी पता नहीं कि उनकी बेटी यूपी के 25 जनपदों में नौकरी कर रही है। जब इस बात की जानकारी हुई तो बेटी को कासगंज बीएसए ऑफिस में इस्तीफा देने के लिए भेजा था, जहां से उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पिता ने बताया कि पुत्री जब से नौकरी में लगी है, तब से केवल उसने घर पर 50 हजार रुपए ही दिए हैं। बाकी के रुपए कहां गए हैं यह उसको कोई भी जानकारी नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि सुप्रिया का परिवार बहुत ही गरीब है। मेहनत मजदूरी करके अपना पेट पाल रहा है।
746 आवासीय स्कूलों के रिकॉर्ड की जांच का आदेश
बता
दें,
इस
मामले
के
सामने
आने
के
बाद
यूपी
बेसिक
शिक्षा
मंत्री
सतीश
द्विवेदी
ने
लड़कियों
के
लिए
बने
सभी
746
आवासीय
स्कूलों
के
रिकॉर्ड
की
जांच
का
आदेश
दिए
हैं।
उन्होंने
कहा
कि
मामले
की
पूरी
जांच
होगी,
जिसकी
भी
लापरवाही
सामने
आएगी
उसे
बख्शा
नहीं
जाएगा।
वहीं
दूसरी
ओर
पुलिस
ने
अनामिका
के
असली
नाम
पर
भी
एफआईआर
दर्ज
की
है।
यह
मुकदमें
रायबरेली,
अंबेडकरनगर,
बागपत,
अलीगढ़
और
सहारनपुर
के
बेसिक
शिक्षा
अधिकारियों
की
शिकायतों
पर
दर्ज
किए
गए
हैं।