मौसेरा भाई बहन को भगा ले गया तो कर दिया मौसा, मौसी और छोटे बेटे का मर्डर
फर्रुखाबाद। उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में निर्मम हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां गदनापुर गांव निवासी पप्पू (40), पत्नी सुलोचना व बेटे अतुल (9) की घर में घुसकर धारदार हथियार से हत्या कर दी। साथ ही पप्पू की मां तारावती (60) व बेटा विवेक (6) गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना की जानकारी मिलते ही कमालगंज थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को तत्काल इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया। वहीं, तीनों के शव कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिए है।
पूरे
परिवार
को
खत्म
करने
की
थी
योजना
वारदात
फर्रुखाबाद
जिले
के
कमालगंज
थाना
क्षेत्र
के
गदनापुर
गांव
की
है।
हमलावर
पप्पू
जाटव
के
पूरे
परिवार
को
खत्म
करने
की
योजना
बनाकर
आए
थे।
शुक्रवार
देर
शाम
करीब
आठ
बजे
42
वर्षीय
पप्पू
जाटव
अपने
परिवार
समेत
घर
पर
थे।
इसी
दौरान
कुछ
लोग
घर
में
कुल्हाड़ी,
गड़ासा
लेकर
घुस
आए
और
पप्पू
पर
ताबड़तोड़
हमला
कर
दिया।
बचाने
आई
सुलोचना
पर
भी
प्रहार
किए।
दोनों
खून
से
लथपथ
होकर
गिर
गए।
इसी
दौरान
बच्चे
घर
से
भाग
निकले।
हमलावर
उनका
पीछा
करने
लगे
तो
घर
से
50
मीटर
दूर
सबसे
छोटा
पुत्र
अतुल
उनके
हत्थे
चढ़
गया
और
उसे
भी
मौत
के
घाट
उतार
दिया।
विवेक
के
गर्दन
पर
गड़ासे
का
एक
प्रहार
किया,
लेकिन
वह
वहां
से
भाग
निकला।
लोगों
का
कहना
है
कि
हमलावर
पप्पू
जाटव
के
पूरे
परिवार
को
खत्म
करने
की
योजना
बनाकर
आए
थे।
इसकी
भनक
पप्पू
को
नहीं
थी।
दोनों
पक्षों
ने
दर्ज
कराए
थे
मुकदमें
घटना
के
पीछे
लड़की
भगाने
की
रंजिश
सामने
आई
है।
घटनास्थल
पर
पहुंची
मृतक
पप्पू
की
बहन
सुनीता
ने
बताया
कि
चार
माह
पहले
अर्जुन
ने
अपनी
लड़की
भगाने
के
मामले
में
उसके
व
उसके
पति
बीएसएफ
निरीक्षक
विनोद
कुमार
व
पुत्र
नीलेश
के
अलावा
पप्पू
व
उसकी
पत्नी
सुलोचना
समेत
सात
लोगों
के
खिलाफ
मुकदमा
दर्ज
कराया
था।
दूसरी
ओर
सुलोचना
ने
अर्जुन
और
उनके
स्वजनों
के
खिलाफ
ऑनर
किलिग
का
मुकदमा
दर्ज
कराया
था।
कुल्हाड़ी
लेकर
स्वयं
थाने
पहुंचा
अवनीश
घटना
को
अंजाम
देने
के
बाद
आरोपित
अवनीश
खून
से
सनी
हुई
कुल्हाड़ी
लेकर
कमालगंज
थाने
पहुंच
गया।
उसे
वहां
देख
पुलिस
कर्मियों
में
हलचल
मच
गई।
उसने
बताया
कि
मौसा-मौसी
व
उसके
पुत्र
की
हत्या
कर
दी
है।
पुलिस
कर्मियों
ने
उसे
तत्काल
हवालात
में
बंद
किया।
अवनीश
ने
बताया
कि
मौसा
पप्पू
का
पुत्र
दुर्वेश
उसकी
बहन
को
भगा
ले
गया
था।
उसमें
पूरे
परिवार
का
हाथ
था।
इस
कारण
पहले
उसने
अपने
मौसा
को
मारा।
फिर
मौसी
और
मौसेरे
भाई
को
मार
दिया।
रोज-रोज
गांव
में
ताने
सुनने
से
अच्छा
था
कि
मारकर
मर
जाएं।
उसे
फांसी
हो
जाए
तो
भी
गम
नहीं।
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