फर्रुखाबाद: कुपोषित बच्चों के लिए अस्पताल में नहीं है जगह, 10 बेड पर 21 बच्चों का हो रहा इलाज
फर्रुखाबाद। जिले के सबसे बड़े राममनोहर लोहिया अस्पताल में एनआरसी वॉर्ड में दस बेड कुपोषित बच्चों के लिए आरक्षित हैं, लेकिन जिले में कुपोषित बच्चों की भरमार है। एक बेड पर तीन बच्चों को लिटाया जाता है। बहुत से बच्चे वापस कर दिए जाते हैं, जिसका मुख्य कारण अस्पताल में कोई दूसरी व्यवस्था नहीं है। उसके साथ ही पहले से यह वॉर्ड भरा हुआ है। एक दिन में कुपोषित बच्चों की संख्या 41 तक हो जाती है, जिसके चलते एक महीने पहले अस्पताल में भर्ती रहे बच्चे को दोबारा नहीं भर्ती किया जा सका और रेफर करते समय उसकी मौत हो जाती है।
बहुत अधिक है कुपोषित बच्चों की संख्या
इस बात को लेकर जब मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ चंद्रशेखर से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि कुपोषित बच्चों की संख्या बहुत है। एक वॉर्ड आरक्षित है, उसके अलावा यदि अधिक बच्चे आते हैं उनके लिए पर्याप्त इंतजाम है। साथ ही कुपोषित बच्चों के परिजनों को जागरुक होना भी जरूरी है। लोगों के अंदर अज्ञानता के साथ गरीबी भी है।
10 बेड पर 21 बच्चे
एनआरसी के डॉक्टर विवेक सक्सेना से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि क्षमता से अधिक बच्चों का इलाज कर रहे हैं। साथ ही 10 बेड पर 21 बच्चे शिफ्ट किए हैं वहीं चार बच्चों को नीचे वॉर्ड में भर्ती किया गया है। शासन से मांग की है कि कुपोषित बच्चों की संख्या को देखते हुए बेड बढ़ा दिए जाएं। हालांकि, हकीकत कुछ और ही है, क्योंकि डॉक्टर अपना प्राइवेट अस्पताल चला रहे हैं, उसी वजह से लोहिया अस्पताल में समय नहीं दे रहे हैं। साथ ही बच्चों का इलाज भी सही नहीं हो पाता है।
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