फर्रुखाबाद: खुद की बर्बादी देखने को मजबूर हैं ग्रामीण, कटान में बह गए एक दर्जन घर
फर्रुखाबाद। जून के महीने में शमसाबाद के गांव समैचीपुर चितार में बाढ़ जैसे हालात हैं। अभी जब मानसून नहीं आया है, गंगा उफान पर नहीं है तब यहां की स्थिति भयावह है। कटान को रोकने के लिए कोई ठोस इंतजाम ना होने की वजह ने जहां सैकड़ों बीघा फसल डूब चुकी हैं, वहीं अब तक करीब एक दर्जन मकान और झोपड़ियां गंगा में समा चुकी हैं। कटान को रोकने के लिए जो परकोपाइंन की बल्लियां लगाई गईं थीं, वो भी बह चुकी हैं।
खुद अपने आशियाने तोड़ने को मजबूर हैं ग्रामीण
कटान की वजह से यहां ग्रामीण में दहशत का माहौल हैं। ग्रामीणों खुद अपने आशियाने तोड़ने को मजबूर हैं। यहां के लोगों के पास खुद की बर्बादी देखने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है। इस मामले में विभाग का तर्क है कि वो यहां नियमित दौरा कर रहा है और नजर रखे हुए हैं, जबकि ये कटान की कहानी हर साल की है, लेकिन फिर भी कोई ठोस कदम कभी नहीं उठाया जाता है।
गंगा में अब तक समा चुके एक दर्जन से अधिक मकान
प्रधान पति यासीन खां ने बताया कि एक दर्जन से अधिक मकान गंगा में अब तक समा चुके हैं। गंगा का जलस्तर बढ़ता देख ग्रामीण इस समय अधिक परेशान हैं। फिलहाल, प्रशासन गांववालों के लिए क्या इंतजाम करता है यह देखने वाली बात है।