बारिश के बाद स्कूल की दीवार गंगा में समा गई, जान जोखिम में डालकर पढ़ने जाते हैं बच्चे
फर्रुखाबाद। देश में भले ही शिक्षा का अधिकार कानून लागू है लेकिन, दूरदराज के इलाकों में रहने वाले बच्चों के लिए शिक्षा हासिल करना किसी चुनौती से कम नहीं है। शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए योगी सरकार ने भले ही बच्चों के लिए अनेक सुविधाएं दी हैं लेकिन जिले में एक ऐसा स्कूल है जहां का नजारा सारी सुविधाओं से परे नजर आया। यहां पर नौनिहाल जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करते हैं। अभी तक ना ही तीसराम की मढैया की तरफ किसी भी अधिकारी ने अपना रुख नहीं किया। जिसके चलते गंगा के कटान का समय रहते निदान नहीं हो सका जिससे विद्यालय की दीवार गंगा में समा गई। वीडियो में आप देख सकते हैं किस तरह स्कूल पर और बच्चों पर खतरा मंडरा रहा है।
फर्रुखाबाद में अधिकारियों की उदासीनता के चलते तकरीबन आधा सैकड़ा बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर पढ़ने को मजबूर हैं। विकास खंड राजेपुर के ग्राम तीसराम की मडैया के ग्राम से जिले के अधिकारी बाकिफ हैं और आलाधिकारी सैकड़ों बार निरीक्षण कर चुके हैं लेकिन, ग्राम का हाल बदहाल ही है। क्योंकि ग्राम गंगा नदी के सामने मुहाने पर बसा हुआ है। पिछले कई सालों में ग्राम के तीन दर्जन से अधिक मकान गंगा नदी में समा गए और गंगा में फिर से शुरू हुए कटान से ग्राम एकमात्र प्राथमिक स्कूल भी अपनी चपेट में ले लिया है।
प्राथमिक स्कूल के पास स्कूल की पिछली दीवार गंगा के कटान से गिर गयी है और स्कूल गंगा में किसी भी समय पर समा सकता है लेकिन, ग्रामीणों के पास और स्कूल न होने के चलते जान जोखिम में डालकर अपने नौनिहालों को मजबूरन स्कूल भेज रहे हैं। स्कूल में महज दो टीचर ही पढ़ाने जाते हैं। गंगा के किनारे मुहाने पर बसे इस स्कूल को बचाने की जिला प्रशसन कोई पहल करता तो शायद स्कूल बच जाता लेकिन जब गंगा नदी ने स्कूल के आधे हिस्से को निगल लिया। जब इस मामले पर जिले के अधिकारी अभी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं और भारी बारिश के बाद गंगा नदी का जलस्तर बढ़ना भी लाजमी है।
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