मोनिका-सुखबीर हत्याकांड: फरीदाबाद पुलिस ने चारों हत्यारोपियों को किया गिरफ्तार
फरीदाबाद। 11 अगस्त को हरियाणा के फरीदाबाद जिले के जसाना गांव में मोनिका (26) और सुखबीर (28) की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। तिगांव थाना पुलिस ने इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए मुख्य आरोपी और मोनिका की भाभी के भाई विष्णु को गुरुवार की देर शाम दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया था। तो वहीं, विष्णु के तीनों साथियों को पुलिस ने शुक्रवार देर शाम को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले से गिरफ्तार कर लिया हैं।
तीन को मेरठ तो एक आरोपी को दिल्ली से किया गिरफ्तार
एसीपी धारणा यादव ने शनिवार को मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि 11 अगस्त को हुई मोनिका और सुखबीर की हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। तिगांव पुलिस ने इस डबल मर्डर मुख्य आरोपी विष्णु को दिल्ली से तो सोनू, यतिन उर्फ छोटू और कुलदीप कुमार उर्फ कैलाश सिंह को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले से गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है। एसीपी ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि हत्या की वजह कुछ फोटोग्राफ्स थे, जिन्हें लेकर मृतक सुखबीर मुख्य आरोपी विष्णु की बहन को ब्लैकमेल कर रहा था।
ब्लैकमेलिंग से जुड़ा था पूरा मामला
पुलिस पूछताछ में विष्णु ने बताया कि मृतक सुखबीर के पास उसकी बहन, जो मोनिका की भाभी थी कि कुछ अश्लील तस्वीरें थी, जिसके दम पर वह ब्लैकमेल कर रहा था। मोनिका की भाभी ने यह बात अपने भाई विष्णु को रक्षाबंधन के दिन बता दी थी। जिसके बाद उसने गुंडों के साथ मिलकर सुखबीर और उसकी पत्नी मोनिका की बेरहमी से हत्या कर दी। फिलहाल पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।
क्या है पूरा मामला
रामबीर फरीदाबाद जिले के जसाना गांव के रहने वाले है और दूध की डेरी चलाते हैं। रामबीर ने अपनी बेटी मोनिका की शादी 2013 में सेक्टर-21 स्थित फतेहपुर चंदीला गांव निवासी सुखबीर से की थी। मोनिका के घर के पास में ही उसके पिता रामबीर की डेरी है। मंगलवार शाम दो बाइक पर सवार चार बदमाश उसके घर पहुंचे और वहां लगे सीसीटीवी कैमरे को तोड़ दिया। बदमाशों ने सुखबीर की गोली मारकर हत्या की थी, जबकि पत्नी मोनिका की गर्दन तोड़ दी थी। दोनों के हाथ बंधे हुए थे। मोनिका भी अपने पिता से रोज शाम को दूध लेने जाती थी। मंगलवार शाम को वह दूध लेने नहीं पहुंची तो उसके पिता ने रात को करीब साढ़े 8 बजे अपने बेटे मनीष से मोनिका को फोन कराया, मगर फोन बंद मिला। रात को 9 बजे रामबीर ने मनीष को डेरी पर सोने के लिए भेजा और कहा कि मोनिका के लिए दूध डिब्बे में रखा हुआ है। उसे उसके घर पर दे देना।
दोनों की लाश देख निकली भाई की चीख
9 बजे मनीष दूध लेकर मोनिका के घर पर पहुंचा, तो वहां अंधेरा था। मेन गेट व अन्य सभी दरवाजे खुले हुए थे। मनीष ने अपनी बहन को आवाज दी, मगर किसी ने कोई जवाब नहीं दिया। जब उसने अंदर जाकर लाइट जलाई तो उसकी चीख निकल गई। सुखवीर व मोनिका खून से लथपथ फर्श पर पड़े हुए थे। उसके चीखने की आवाज सुनकर आसपास के लोग आ गए। यह खबर थोड़ी ही देर में गांव में फैल गई। खबर पाकर गांव व परिवार के सभी लोग मौके पर आ गए। इस घटना की सूचना पुलिस को दी गई।
इस तरह पकड़े गए आरोपी
एसीपी क्राइम अनिल राव की टीम ने सीसीटीवी फुटेज खंगाली तो उसमें चार लोग घर में घुसते हुए नजर आए और बाहर निकलते दिखे। इस फुटेज को गांववालों व परिचितों को दिखाया गया। इन चारों में से एक का चेहरा मोनिका की भाभी के भाई विष्णु से मिलता था। पुलिस ने शक के आधार पर उसके मोबाइल की वारदात के समय लोकेशन देखी। उसके बाद विष्णु को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की। इसके बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ।