हरियाणा: चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका, 2 बार की विधायक शारदा राठौर भाजपा में शामिल हुईं
फरीदाबाद। हरियाणा विधानसभा चुनाव होने में 2 माह बचे हैं। सियासी पार्टियों के बीच चुनावी हलचल शुरू हो गई हैं। कई कांग्रेसी और इनेलो विधायक अपनी पार्टी छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं। मंगलवार को बल्लभगढ़ से दो बार विधायक रह चुकी शारदा राठौर ने भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। शारदा ने सीएम के राजनीतिक सलाहकार दीपक मंगला के कार्यक्रम में हिस्सा लिया जहां उन्होंने भगवा वस्त्र से भाजपा का दामन थामा।
खट्टर की जन आशीर्वाद यात्रा पलवल रवाना हुई
बता दें कि, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की जन आशीर्वाद यात्रा शाम को फरीदाबाद से निकलकर पलवल जाने लगी। जहां मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार दीपक मंगला द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए जाने की बातें कही गईं। शारदा राठौर ने इसी कार्यक्रम के जरिए सत्ताधारी पार्टी ज्वॉइन करने का फैसला किया।
2014 में ही भाजपा ज्वॉइन करना चाहती थीं शारदा
शारदा राठौर 2014 में भी भाजपा में शामिल होना चाहती थीं। मगर, तब उनकी बात नहीं बन पाई। उसके अलावा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर से भी उनकी नहीं बन रही थी। जिसके चलते भाजपा में 2014 में शामिल ना होने पाने के बाद उन्हें कांग्रेस की टिकट से भी हाथ धोना पड़ गया था। शारदा 2004 और 2009 में बल्लभगढ़ से कांग्रेस की विधायक रह चुकी हैं। उससे पहले वह कांग्रेस की महिला जिला अध्यक्ष भी रही हैं।
पहली बार 17 विधायकों ने दिया इस्तीफा
वहीं, दल बदलने की कोशिश में प्रदेशभर में अब तक 17 विधायकों ने इस्तीफे दे दिए हैं। राज्य के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब 17 विधायकों ने अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दिया हो। यहां विधानसभा में इस बार 18 विधायकों की सीटें खाली हो गई हैं। यह भी पहली बार होगा जब इतने विधायकों की खाली सीटों वाली विधानसभा भंग होगी।
इस्तीफा देने वाले अधिकांश विधायकों ने भाजपा ज्वॉइन की
इस्तीफा देने वाले अधिकांश विधायकों ने अपनी पार्टी छोड़कर अन्य पार्टी ज्वॉइन कर ली है। सबसे ज्यादा नुकसान इनेलो को हुआ है। 2014 के चुनाव में इनेलो को 19 सीटें मिली थीं। जो कि 3 ही रह गईं हैं। इन तीन विधायकों में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला, वेद नारंग व ओमप्रकाश बरवा शामिल हैं। जबकि, भाजपा ने 2014 में 47 सीटें जीती थीं। अब उसके पास 59 सीटें हैं। राज्य में एक विधायक का निधन हो चुका है, जो कि इनेलो से ही था।
उस दौर में 6 विधायकों ने दिए थे इस्तीफे
हरियाणा में 17 विधायकों ने तो इसी कार्यकाल में इस्तीफा दिया है। इससे पहले वर्ष 1999-2004 के सत्र में भाजपा के 6 विधायकों ने अपने इस्तीफे दिए थे। बहरहाल, इस बार जब इतनी बड़ी संख्या में विधायकों ने इस्तीफे दिए तो हरियाणा विधानसभा स्पीकर ने भी सभी के इस्तीफे स्वीकार कर लिए। इन सभी विधायकों का कार्यकाल पूरा होने से खत्म हो गया और वह चुनाव होने से पहले ही पूर्व विधायक बन गए।
लोकसभा चुनाव में हरियाणा में सभी सीटें भाजपा ने जीतीं
इसी साल मई में हुए लोकसभा चुनाव में राज्य की सभी दस सीटों पर भाजपा ने पहली बार जीत हासिल की। हरियाणा बनने के बाद ज्यादातर चुनाव में अपना दबदबा बनाए रखने वाली कांग्रेस क्लीन स्वीप हो गई। इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रदेश की 10 में से 7 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
अक्टूबर-नवंबर में हो सकते हैं चुनाव
हरियाणा में विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर में हो सकते हैं। 2014 में भाजपा 47 सीटों पर जीती थी। राज्य में विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं। वहीं, इस बार शाह ने कार्यकर्ताओं को 75 पार का टारगेट दिया है।