घर के अंदर मृत पड़े थे 2 सगे सिख भाई, सुबह नौकरानी ने झांककर देखा तो मचा कोहराम
फैजाबाद. उत्तर प्रदेश में अयोध्या के नगर कोतवाली क्षेत्र के लालबाग मोहल्ला स्थित एक मकान में एक सिख परिवार के दो सगे भाइयों की लाशें मिलीं। सुबह जब नौकरानी उनके घर आई, तो अंदर से किसी की आवाज नहीं आने पर उसे शंका हुई। नौकरानी ने पड़ोसियों को बताया। उसके बाद पुलिस आई। पुलिस ने देखा कि कमरे में दो लाशें पड़ी थीं। वे दोनों भाई थे। पुलिस ने उन लाशों को कब्जे में लिया और आगे की पड़ताल शुरू कर दी।
घर के अंदर मृत पड़े मिले सगे सिख भाई
संवाददाता के अनुसार, उन मृतकों के पिता 90 वर्षीय बुजुर्ग बगल के कमरे में रहते थे। वृद्ध पिता और उनके दोनों बेटे यहां किराए के मकान में लगभग सात दशक से रह रहे थे। उनका बड़ा बेटा शहर के चौक क्षेत्र में दुकान चलाता था। वहीं, वृद्ध पिता और उसका छोटा भाई मानसिक रूप से विक्षिप्त बताया गया है। वृद्ध की पहचान सिख समुदाय के 90 वर्षीय बलवंत सिंह के रूप में हुई है।
70 वर्षों से एक मकान में किराए पर रहे थे
बताया जाता है कि, बलवंत की शहर के ह्रदय स्थली चौक क्षेत्र में दुकान है। हालांकि, उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं है और वह अपने दो बेटों के साथ नगर कोतवाली क्षेत्र के लालबाग मोहल्ले में एक किराए के मकान में रहते हैं। उनका बड़ा बेटा 60 वर्षीय जसवीर सिंह चौक क्षेत्र स्थित दुकान का संचालन करता है और छोटा बेटा 40 वर्षीय करतार सिंह भी मानसिक रूप से विक्षिप्त है। दोनों सगे भाइयों का शादी-विवाह नहीं हुआ था। लालबाग मोहल्ला निवासियों का कहना है कि यह सिख परिवार लगभग 70 वर्षों से इसी मकान में किराए पर रह रहा था। घर में कोई महिला न होने के चलते घर का कामकाज नौकरानी के हवाले था।
सुबह नौकरानी आई थी साफ करने
नौकरानी ही सुबह शाम साफ-सफाई, झाड़ू पोछा से लेकर भोजन बनाने व अन्य काम करती थी। रोज की तरह बुधवार की सुबह नौकरानी अपने रोजमर्रा के काम को निपटाने के लिए सिख परिवार के दरवाजे पर पहुंची और आवाज लगाई। आवाज लगाने पर कोई जवाब न मिलने पर उसने जोर-जोर कुंडी खटखटाई। इसके बावजूद कोई प्रतिक्रिया न होने पर उसको चिंता हुई और उसने आसपास के लोगों को खबर दी तथा मौके पर बुला लिया।
अंदर से नहीं मिला कोई जवाब
आसपास के लोगों ने भी आवाज लगाई और कुंडी खटखटाया, लेकिन भीतर से कोई जवाब न मिला। इसके बाद मामले की खबर पुलिस को दी गई तो क्षेत्राधिकारी नगर अरविंद कुमार चौरसिया और नगर कोतवाल अपनी पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंच गए।
'मानसिक हालत ठीक नहीं है और कुछ बता नहीं सकते'
मशक्कत कर पुलिस ने दरवाजा खोला और भीतर गई तो देखा कि एक कमरे में अलग-अलग बिस्तर पर जसवीर सिंह और करतार सिंह मृत पड़े हैं। जबकि, सगे भाइयों के बुजुर्ग पिता बलवंत सिंह बगल वाले कमरे में थे। पुलिस ने बुजुर्ग बलवंत सिंह से माजरा जानना चाहा तो मोहल्ले वालों ने बताया कि इनकी मानसिक हालत ठीक नहीं है और यह कुछ बता नहीं सकते।
लाशों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया गया
इसके बाद पुलिस ने सगे भाइयों के कमरे की गहराई से जांच पड़ताल की और परिवार के नौकरानी से पूछताछ की तथा सगे भाइयों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। क्षेत्राधिकारी नगर अरविंद कुमार चौरसिया का कहना है कि मौत की वजह जानने के लिए सगे भाइयों के शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया है। सिख परिवार के एकमात्र जीवित बचे बुजुर्ग बलवंत सिंह की दिमागी हालत ठीक नहीं है जिसके चलते वह कुछ बता नहीं पा रहे हैं।
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