फैजाबाद / अयोध्या न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

अयोध्या विवाद: मध्यस्थता पर क्या बोले बाबरी मस्जिद और हिंदू पक्ष के पक्षकार

Google Oneindia News

Ayodhya News, अयोध्या। अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में मध्यस्थता पर सुनवाई हुई जिसके बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है। इसके पहले, सुनवाई के दौरान हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों ने कहा कि हम इस विवाद का हल चाहते हैं। जबकि सुनवाई के दौरान जस्टिस बोबडे ने कहा कि हम मध्यस्थता के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि मध्यस्थता के लिए एक पैनल बनेगा, कोई एक मध्यस्थ नहीं रहेगा।

बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने क्या कहा

बाबरी मस्जिद के पक्षकार इकबाल अंसारी ने क्या कहा

बाबरी मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट के मध्यस्थता की पहल से इनकार कर दिया है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि कोर्ट मध्यस्थता छोड़े और फैसला सुनाए। सुप्रीम कोर्ट का फैसला हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्ष कार मानेंगे। मध्यस्थता के सवाल पर इकबाल अंसारी ने कहा कि या तो कोर्ट अपने सामने सभी पक्षकारों वकीलों साधु संतों व अधिकारियों को बुलाए और खुद समझौता कराए तो मानने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी सुलह समझौते की प्रयास हो चुके हैं लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकला। अयोध्या में इकबाल अंसारी ने कहा कि हिंदू महासभा पहले ही समझौते की प्रक्रिया से इंकार कर चुका है। ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले का ही इंतजार है।

हिंदू पक्षकार कमल नयन दास ने क्या कहा

हिंदू पक्षकार कमल नयन दास ने क्या कहा

वहीं, दूसरी तरफ रामजन्म भूमि न्यास अध्यक्ष महंत गोपालदास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने समझौता करने से साफ इंकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि रामजन्म भूमि के लिए वह मुसलमानों से समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि भगवान राम हिंदुओं के आराध्य हैं उन पर कोई समझौता नहीं होगा। फैसले में देरी होने के लिए महंत कमलनयन दास ने सुप्रीम कोर्ट को ही दोषी माना। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट बराबर हिंदुओं का अपमान कर रहा है। मध्यस्था के सवाल पर उन्होंने कहा कि जिनका कुछ नहीं है वही मध्यस्था की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोर्ट के कारण ही 1992 में विवादित ढांचा गिराया गया था।

मध्यस्थता पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

मध्यस्थता पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा

जस्टिस बोबडे ने कहा कि ये धार्मिक भावनाओं से जुड़ा मामला है। ये 1500 स्क्वायर फीट का मामला नहीं है। हम मध्यस्थता के पक्ष में हैं। जस्टिस भूषण ने सुनवाई के दौरान कहा कि इस मामले में अगर पब्लिक नोटिस दिया गया तो मामला सालों तक चलेगा। क्या सबकी सहमति के बिना भी मध्यस्थता की कोशिश की जा सकती है, इसपर दलीलें दी गईं। कोर्ट ने कहा कि मध्यस्थता के दौरान पूरी प्रक्रिया को रिपोर्ट नहीं किया जाएगा।

5 जजों की बेंच कर रही है सुनवाई

5 जजों की बेंच कर रही है सुनवाई

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट के 5 जजों की संवैधानिक बेंच अयोध्या मामले की सुनवाई कर रही है। मामले की सुनवाई कर रही संवैधानिक बेंच में सीजेआई रंजन गोगोई के अलावा न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं। इसके पहले, अयोध्या मामले की सुनवाई के लिये 25 जनवरी को संविधान पीठ का गठन किया गया था लेकिन न्यायमूर्ति उदय यू ललित ने खुद को इस मामले से अलग कर लिया था जिसके बाद नई पीठ का गठन किया गया।

ये भी पढ़ें: नैनीताल की युवती से लखनऊ में हुआ गैंगरेप, पुलिस ने छेड़छाड़ में दर्ज किया मामला

Comments
English summary
Reactions of Hindu and muslim parties of Ayodhya dispute on SC mediation
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X