प्रिंसिपल ने बच्चों को 5-5 रुपए देकर साफ कराई स्कूल की टॉयलेट, शिकायत की तो स्कूल से निकाल दिया
अयोध्या। प्रदेश के सरकारी स्कूलों में बच्चों को पहुंचाने के लिए जहां सरकार 'स्कूल चलो' अभियान चला रही है। वहीं अयोध्या में एक प्राइमरी स्कूल में बच्चों का नाम काटा जा रहा है। यही नहीं स्वच्छता अभियान के नाम पर स्कूल के प्रधानाचार्य पर टॉयलेट साफ करवाने का आरोप लगाया गया है। टॉयलेट साफ करवाने के बाद मजदूरी के रूप में बच्चों को पांच-पांच रुपए भी दिए गए और जब इस बात की शिकायत बच्चों के अभिभावक ने प्रधानाचार्य से की तो उसका नाम स्कूल से काट दिया गया। स्कूल के प्रधानाचार्य ने तीन सगे भाइयों का नाम स्कूल से काट दिया है।
मां-बाप ने पूछा, कहां से आए 5 रुपए?
मामला अयोध्या जनपद के सोहावल शिक्षा क्षेत्र के पिलखावा प्राइमरी स्कूल का है। इस स्कूल को मॉडल स्कूल की भी संज्ञा दी गई है। इस मॉडल स्कूल में स्वच्छता के नाम पर बच्चों से टॉयलेट साफ करवाने का आरोप लगा है। अभिभावक राम कुमार विश्वकर्मा ने आरोप लगाया कि उनके तीनों बच्चों समेत स्कूल के कई बच्चों से पांच-पांच रुपए देकर स्कूल का टॉयलेट साफ करवाया जाता है। बच्चों के मां-बाप को उस समय शक हुआ जब बच्चे पांच-पांच रुपये लेकर घर पहुंचे तो उस समय बच्चों से पूछताछ की गई कि तुम्हारे पास यह 5 रुपये कहां से आए?
स्कूल टॉयलेट साफ करवाई
तब बच्चों ने इस बात का खुलासा किया कि स्कूल के प्रधानाचार्य टॉयलेट साफ करवाने के बाद मजदूरी के रूप में पांच-पांच रुपए बच्चों को देते हैं। इसकी शिकायत करने अभिभावक राम कुमार विश्वकर्मा स्कूल पहुंचे और उन्होंने कहा कि वह अपने बच्चे को स्कूल में पढ़ने के लिए भेजते हैं ना कि टॉयलेट साफ करवाने के लिए। स्कूल की साफ-सफाई झाड़ू लगाना तो ठीक है लेकिन टॉयलेट साफ करवाना उचित नहीं है।
तीन बच्चों को स्कूल से निकाल दिया
इस शिकायत के बाद प्रधानाचार्य नाराज होकर उनके तीनों बच्चे जो दो कक्षा 5 में पढ़ते हैं और एक कक्षा 3 में पढ़ता है, तीनों का नाम काटकर स्कूल से भगा दिया। यह आलम है अयोध्या की प्राइमरी स्कूल का। जब प्रदेश सरकार सरकारी स्कूलों में बच्चों को पहुंचाने के लिए स्कूल चलो अभियान चला रही है तो ऐसे में स्कूल के अध्यापक प्रदेश सरकार के मंसूबों पर पानी फेर रहे हैं और स्वच्छता के नाम पर बच्चों से टॉयलेट साफ करवा रहे हैं।