अयोध्या के हनुमानगढ़ी को मिला नया महंत, प्रेमदास हुए गद्दीनशीन
अयोध्या। अयोध्या का हनुमानगढ़ी प्राचीन और ऐतिहासिक होने के साथ ही साथ आस्था, श्रद्धा और भक्ति का उच्च प्रतिष्ठित केंद्र है। रविवार को हनुमानगढ़ी को एक नया महंत प्रेमदास के रूप में मिल गया, जिन्हें सर्वसम्मति से चुना गया और इसी के साथ ही चुनाव को लेकर आपसी विवाद और विरोध की आशंकाएं समाप्त हो गईं। प्रेमदास सगरिया पट्टी के संत हैं और नियमानुसार इस बार सगरिया पट्टी से ही गद्दीनशीन चुना जाना था। जिस पट्टी से गद्दीनशीन चुना जाना होता है, उस पट्टी के संत चुनाव प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकते।
इस प्रकार हनुमानगढ़ी के तीनों उज्जैनिया, बसंतिया और हरद्वारी पट्टी के संतों ने सर्वसम्मति से महंत प्रेमदास को चुनकर धार्मिक क्षेत्र को अपनी एकता का भावनात्मक संदेश दिया है। अब मंदिर के नियम के अनुसार महंत प्रेमदास हनुमानगढ़ी के बाहर का जीवन त्यागकर मंदिर परिसर के धार्मिक कार्यों की गतिविधियों में ही अपना बाकी जीवन अर्पित करेंगें, क्योंकि गद्दीनशीन का चयन आजीवन के लिए होता है।
हनुमानगढ़ी के संतों ने सर्वसम्मति से गद्दीनशीन का चुनाव संपन्न होने पर खुशी जाहिर करते हुए अपने ईष्ट हनुमान जी को धन्यवाद ज्ञापित किया है। नवचयनित गद्दीनशीन महंत प्रेम दास ने भावुक होकर सभी संतों के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि मैं अपना जीवन गरीबों-असहायों की सहायता और जो भी नियम के अनुसार सही और सत्य होगा, वहीं कार्य करूंगा।
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