'जिस तरह हिंदुओं ने कब्रिस्तान के लिए जमीन दी, मुस्लिमों को भी राम मंदिर के लिए बाबरी मस्जिद का दावा छोड़ देना चाहिए'
अयोध्या। अयोध्या में हिंदुओं द्वारा मुस्लिमों को कब्रिस्तान की जमीन दान देने के मामले में स्थानीय मुस्लिमों का भी बयान आया है। मुस्लिमों का मानना है कि जिस तरह से हिंदू भाई ने कब्रिस्तान के लिए जमीन दान दे दी उसी तरह से मुस्लिम भाइयों को भी आगे बढ़ कर आना चाहिए और राम मंदिर निर्माण के लिए बाबरी मस्जिद का दावा छोड़ देना चाहिए।
'राम मंदिर के लिए मस्जिद का दावा छोड़ देना चाहिए'
गोसाईगंज विधानसभा के बेलवारी खान गांव के मुस्लिम इकबाल हुसैन का मानना है कि जिस तरह से इस गांव के हिंदुओं ने कब्रिस्तान के लिए जमीन दान दे दी उसी तरह से मुस्लिम भाइयों को भी आगे आना चाहिए और राम मंदिर के लिए बाबरी मस्जिद का दावा छोड़ देना चाहिए।उन्होंने कहा कि अयोध्या संवेदनशील स्थान है यहां पर राम मंदिर और बाबरी मस्जिद का विवाद चल रहा है, लेकिन इन विवादों के बीच जिस तरह से हिंदू भाई कब्रिस्तान की जमीन दान दे देते हैं। ऐसे में मुस्लिमों को भी आगे आना चाहिए, लेकिन यह राजनेता इस मामले का समाधान करना नहीं चाहते।
क्या बोले मंदिर समर्थक
वहीं, मंदिर समर्थक मुस्लिम बबलू खान ने कहा कि मैं बेलवारी खान गांव के हिंदुओं का तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने कब्रिस्तान के लिए जमीन दान दे दी। जिस तरह से बड़े भाई ने छोटे भाई को जमीन दान दी दे दी है उसी तरह से छोटे भाई का भी हक बनता है कि वह बड़े भाई को राम मंदिर के लिए बाबरी मस्जिद का दावा छोड़ दे। इससे जो हमारे मुस्लिम कौम पर दाग लगा था वह धुल भी जाएगा।
राम मंदिर हिंदुओं की आस्था का सवाल
उन्होंने कहा कि राम मंदिर सवा सौ करोड़ हिंदुओं की आस्था का सवाल है इसलिए मुस्लिम भाई को बड़ा दिल दिखाते हुए राम मंदिर निर्माण में आगे आना चाहिए। दरअसल, गोसाईगंज विधानसभा की बेलवारी खान गांव में हिंदुओं ने कब्रिस्तान के लिए जमीन दान दे दी है।
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