अयोध्या आतंकी हमला: जब राम जन्मभूमि परिसर में घुसे थे 5 आतंकी, पढ़िए क्या हुआ था?
इलाहाबाद/प्रयागराज। यूपी के अयोध्या स्थित राम जन्मभूमि पर 14 साल पहले हुये आतंकी हमले में आज प्रयागराज की स्पेशल कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है। इस प्रकरण की सुनवाई पूरी हो चुकी है और पिछले 9 जून को ही कोर्ट ने अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया है। कोर्ट ने 18 जून को फैसला सुनाने की तारीख मुकर्रर की है। गौरतलब है कि इससे पूर्व बीते वर्ष में 30 नवंबर को फैसला सुनाने की संभावना बनी थी, लेकिन आखिरी क्षणों में पूर्व एसओ थाना राम जन्मभूमि दुलारे लाल अरुण,फर्द लेखक अजय तिवार और जीडी लेखक ईश्वर दास को फिर से गवाही के लिये बुलाया गया था और इस वजह से तब मुकदमे पर फैसला नहीं आया था। हालांकि इस बार न सिर्फ मुकदमे की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, बल्कि अदालत ने अपना फैसला भी सुरक्षित कर लिया है। आज विशेष अदालत के फैसले पर पूरे देश की नजर रहेगी। सबसे खास बात यह है कि इस मुकदमे की सुनवाई के लिये नैनी सेंट्रल जेल के अंदर ही विशेष अदालत लगा करती थी और यहीं पर सुनवाई हो रही थी। मुकदमे पर मौजूदा समय में सुनवाई स्पेशल जज एससीएसटी दिनेश चन्द कर रहे हैं।
इस तरह हुआ था आतंकी हमला
यूपी के अयोध्या स्थित राम जन्मभूमि परिसर में पांच जुलाई 2005 को असलहों से लैस पांच आतंकवादियों ने हमला किया था। सुबह लगभग नौ बजकर 15 मिनट पर सुरक्षा बलों से आतंकियों की मुठभेड़ शुरू हुई थी। मुठभेड़ में पांचों आतंकी मार गिराये गये थे। मुठभेड में मारे गये आतंकी के पास से मोबाइल मिला था जिसकी कॉल डिटेल से आतंकी हमले की साजिश रचने वाले आतंकियों के 5 साथी, आशिक इकबाल उर्फ फारुख, मो.नसीम, मो.अजीज, शकील अहमद और डॉ. इरफान को गिरफ्तार कर प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल भेजा गया। सुरक्षा कारणों से आतंकियों पर नैनी जेल में ही विशेष अदालत लगाकर अभी तक सुनवाई होती रही है और अब इसमें फैसला सुनाया जाना है।
बदला लेने आये थे आतंकी
जांच के दौरान ता चला था कि आतंकियों ने बाबरी मस्जिद विध्वंस का बदला लेने के लिए राम लला मंदिर को ध्वस्त करने के लिये हमला किया था। आतंकियों ने पूरी प्लानिंग के साथ हमला किया था और वह मंदिर के काफी नजदीक भी पहुंच गये थे। रामलला परिसर की बैरिकेडिंग को जब आतंकियों ने विस्फोट कर उड़ाया, उसके बाद सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी। गोलीबारी में सुरक्षा बलों ने मौके पर ही पांचों आतंकियों का मार गिराया था। घटना में दो नागरिकों की भी मौत हुई और सात लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। आतंकियों के राम जन्म भूमि पर हमले के बाद पूरे देश में हड़कंप मच गया था और इस हमले के बाद परिसर की सुरक्षा को बेहद ही कड़ी कर दी गई।
63 गवाहों ने की है गवाही
इस मामले में जिला न्यायालय फैजाबाद / अयोध्या ने पांचों अभियुक्तों के खिलाफ 19 अक्तूबर 2006 को आरोप तय किया गया था। मुकदमे की पत्रावली आठ दिसंबर 2006 को हाईकोर्ट के आदेश से सुनवाई के लिए जिला न्यायालय इलाहाबाद / प्रयागराज अंतरित होकर आई थी। सुरक्षा कारणों से मुकदमे की सुनवाई नैनी जेल परिसर में ही शुरू की गयी और इस पूरे मुकदमे की कार्रवाई यहीं पूरी की गयी है। इस मुकदमे में अभियोजन की ओर से 57 गवाहों को पेश किया गया था। जबकि कोर्ट द्वारा भी 6 गवाह तलब कर उनकी गवाही दर्ज की गयी थी। कुल 63 गवाह इस मामले में पेश किए गए हैं। इस मुकदमे में कोर्ट ने दोबारा से साक्ष्यों का संकलन, गवाही आदि की प्रक्रिया भी पूरी की है। जिसके कारण ही विशेष अदालत होने के बावजूद इतना लंबा समय इस मामले में लग गया है।
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