अयोध्या मामले में मध्यस्थता पैनल बनाए जाने से हिंदू-मुस्लिम पक्षकार खुश
Ayodhya news, अयोध्या। सर्वोच्च न्यायालय के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर मध्यस्थता से समस्या का हल करने के निर्देश का अयोध्या में हिंदू और मुस्लिम पक्षों ने स्वागत किया है। सुलह-समझौते के लिए पैनल बनाए जाने के बाद अयोध्या में विवाद से संबंधित पक्षकारों में भी हलचल तेज हो गयी है। प्रमुख पक्षकार निर्मोही अखाड़ा के प्रवक्ता प्रभात सिंह, हिंदू पक्षकार महन्त धर्म दास और मुस्लिम पक्षकार हाजी महबूब ने एक स्थान पर एकत्र होकर एक दूसरे से वार्ता किया और प्रथमदृष्टया सुलह-समझौते से विवाद को हल करने का वातावरण सृजित किया और आशा व्यक्त किया कि अब विवाद जल्द हल हो जाएगा।
मुस्लिम पक्षकार हाजी महबूब ने तो साफ कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय को इस बात के लिए शुक्रिया कि देश को बचा लिया और एक दूसरे से वार्ता करके सौहार्दपूर्वक हल निकालने का रास्ता साफ कर दिया। उन्होंने कहा कि यह भी बहुत अच्छा हुआ कि सर्वोच्च न्यायालय अब इस मामले में लोकसभा चुनाव के बाद ही संज्ञान लेगा। उन्होंने कहा कि हमारा पक्ष सर्वोच्च न्यायालय से इसी तरह की उम्मीद रखता था जो कि पूरी हुई। मैं इसका स्वागत करता हूं।
मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर कहा है कि सुलह-समझौते अयोध्या के लिए साधु-संतों और स्थानीय लोगों को ही शामिल किया जाना चाहिए। उनका तर्क है कि मामला अयोध्या का है तो अयोध्या के लोग ही मिलकर मामले का हल निकालें। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का स्वागत किया और कहा कि मामला हल होगा तो अमन चैन कायम होगा।
प्रमुख पक्षकार निर्मोही अखाड़ा के प्रवक्ता प्रभात सिंह ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश का स्वागत किया है और आशा व्यक्त किया है कि शीघ्र ही राम मंदिर मसले का हल निकल आएगा और जब लोग मिल-बैठकर सुलह समझौता कर लेंगे तो यह विवाद हमेशा-हमेशा के लिए समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि निर्मोही अखाड़ा ने सीजीआई, पीएमओ और राष्ट्रपति को पहले ही पत्र लिखकर आग्रह किया था कि वरिष्ठ लोगों की देखरेख में अयोध्या विवाद का सुलह-समझौते से हल निकाला जाए। सर्वोच्च न्यायालय के कदम पर हम सभी आशाभरी दृष्टि से प्रसन्नता व्यक्त करते हैं। हिंदू पक्षकार महंत धर्मदास ने कहा कि इस बात की खुशी है कि सर्वोच्च न्यायालय ने सुलह-समझौते के लिए एक पैनल बना दिया है। उन्होंने आशा व्यक्त किया कि अब निश्चित रूप से समस्या का समाधान हो जाएगा और मंदिर निर्माण हो सकेगा।
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