अवध यूनिवर्सिटी में गर्भ संस्कार का कोर्स शुरू, गर्भवती महिलाओं को दी जाएगी ये खास ट्रेनिंग
अयोध्या। राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय जल्दी ही गर्भ संस्कार की पुरानी विधा को जीवंत करने जा रहा है। इस शिक्षक के माध्यम से गर्भवस्था में शिशु को संस्कार मिल सकेंगे। बता दें कि विश्वविद्यालय 3 महीने का पाठ्यक्रम प्रस्तावित कर रहा है, जिसमें माता-पिता को गर्भ संस्कार की शिक्षा दी जाएगी।
'गर्भ
संस्कार'
से
मिलेगी
दंपतियों
को
शिक्षा
डॉ.
राममनोहर
लोहिया
अवध
विश्वविद्यालय
की
ओर
से
प्रस्तावित
गर्भ
संस्कार
पाठ्यक्रम
में
गर्भवती
स्त्रियों
और
उनके
पति
को
शिक्षा
देने
की
योजना
है।
इसके
लिए
विश्वविद्यालय
के
योगा
विभाग
ने
3
माह
का
कोर्स
संचालित
करने
के
लिए
प्रस्ताव
तैयार
किया
है।
इस
पाठ्यक्रम
में
3
प्रश्न
पत्र
होंगे।
पहला
प्रश्न
पत्र
नैतिक
मूल्यों,
दूसरा
योगा
व
औषधि
और
तीसरा
व
अंतिम
प्रश्न
पत्र
गर्भ
संस्कार
पर
आधारित
होगा।
इसके
अलावा
इस
कोर्स
में
ट्रेनिंग
और
वर्कशाप
एक्टिविटी
भी
शामिल
होगी।
16
संस्कारों
का
मानव
जीवन
में
बेहद
महत्व
कुलपति
प्रो.
एसएन
शुक्ला
की
मानें
तो
वैदिक
काल
में
समाज
में
16
संस्कारों
का
मानव
जीवन
में
बेहद
महत्व
था।
यह
संस्कार
जन्म
से
पहले
शुरू
होते
थे
और
व्यक्ति
के
मृत्यु
के
बाद
संपन्न
होते
थे।
पहला
संस्कार
गर्भ
संस्कार
माना
गया
है।
यहीं
से
मानव
जीवन
के
16
संस्कार
शुरु
होते
थे।
डॉ.राममनोहर
लोहिया
अवध
विश्वविद्यालय
में
गर्भ
संस्कार
की
शिक्षा
वैदिक
परंपरा
को
पुनर्जीवित
करने
का
प्रयास
है।
अवध
यूनिवर्सिटी
ने
की
पहल
कुलपति
प्रो.
एसएन
शुक्ला
ने
बताया
कि
हाल
ही
में
हुए
दीक्षांत
समारोह
में
राज्यपाल
आनंदीबेन
पटेल
ने
गर्भ
संस्कार
शिक्षा
व्यवस्था
को
लेकर
चर्चा
की
थी।
उन्होंने
इसकी
ट्रेनिंग
पर
जोर
दिया
था।
उन्हीं
से
प्रेरित
होकर
विश्वविद्यालय
ने
ये
नया
पाठ्यक्रम
शुरू
करने
की
पहल
की
है।बता
दें
कि
गर्व
शिशु
को
माता
पिता
की
दिनचर्या
प्रभावित
करती
है।
ऐसे
में
उन
माता
पिता
को
ट्रेनिंग
देना
बहुत
आवश्यक
होता
है।
गुरुकुल
पद्धति
विद्यालय
में
बाकायदा
इसकी
शिक्षा
दी
जाती
रही
है।
उसी
की
तर्ज
पर
अब
अवध
विश्वविद्यालय
अपने
तीन
महीने
के
कोर्स
में
माता-पिता
को
गर्भ
संस्कार
सिखाएगा।