अयोध्या में श्रीराम की ऊंची मूर्ति लगाने में बाधा बना एक प्रसिद्ध मंदिर, सीएम योगी से मुलाकात करेंगे संत
अयोध्या। यूपी के अयोध्या से बड़ी खबर सामने आई है। सरयू तट पर लगने वाली भगवान श्री राम की विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा 251 मीटर की प्रतिमा पर एक और नया विवाद खड़ा हो गया है। प्रतिमा स्थापित करने के लिए अयोध्या में जमीन अधिग्रहण का कार्य शुरू हो गया है और अधिग्रहण के बीच सरयू तट स्थित प्रसिद्ध सिद्ध पीठ फटिक शिला मंदिर भी आ रहा है। फटिक सिला मंदिर का एक हिस्सा अधिग्रहण में आ रहा है जिसको लेकर अब संत भी अधिग्रहण को लेकर नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। फटिक शिला मंदिर में दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास के नेतृत्व में संतों की बैठक हुई। जल्द ही एक संतों का दल मुख्यमंत्री से मुलाकात कर इस समस्या से अवगत कराएगा।
अयोध्या सरयू तट पर स्थापित होने वाली विश्व की सबसे बड़ी भगवान श्री राम की प्रतिमा जिसकी लंबाई 251 मीटर होगी। प्रतिमा स्थापना को लेकर एक और विवाद सामने आ गया है। अधिग्रहण हो रही जमीन के बीच सरयू तट पर स्थित फटिक सिला मंदिर भी आ रहा है जिससे इस मंदिर का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। यह फटिक सिला मंदिर दिवंगत तपस्वी नारायण दास बघई बाबा का सिद्ध स्थल है और यहां पर बरसों से राम नाम का जप चल रहा है।
फटिक सिला मंदिर को सुरक्षित रखने के लिए संतों ने दिगंबर अखाड़ा के महंत सुरेश दास की अगुवाई में एक बैठक हुई और यह निर्णय लिया गया कि फटिक सिला मंदिर को बचाने के लिए संतों का एक दल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करेगा और मंदिर को बचाने के लिए सीएम योगी से निवेदन भी करेगा।
इससे पहले भी जमीन के अधिग्रहण को लेकर राम घाट कॉलोनी के स्थानीय लोगों ने भी ऐतराज जताया था और अब यह दूसरी समस्या जिला प्रशासन के सामने खड़ी हो गई है। संतों का मानना है कि अयोध्या में भगवान श्रीराम की प्रतिमा लगनी ही चाहिए लेकिन इसके लिए किसी मंदिर को नुकसान पहुंचाना ठीक नहीं है। जिस मंदिर में वर्षों से भगवान राम नाम का जप हो रहा है। जब राम नाम ही नहीं रहेगा तो फिर भगवान कहां रहेंगे। फटिक शिला मंदिर के महंत रामाज्ञा दास ने कहा कि भगवान राम से बड़ा है भगवान राम का नाम है जिस मंदिर में वर्षों से भगवान राम नाम का जप हो रहा है क्या उसे ही सरकार नेस्तनाबूद कर देगी। अब सवाल ये उठता है कि जिस तरह से जमीन अधिग्रहण को लेकर विवाद पैदा हो रहा है उससे भगवान राम की विशालकाय प्रतिमा लगने में और देरी होती ही जाएगी।
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