अयोध्या: तपस्वी छावनी से परमहंस दास को किया निष्कासित, रामविलास वेदांती पर की थी अभद्र टिप्पणी
अयोध्या। देश के सबसे चर्चित मामलों में से एक अयोध्या भूमि विवाद पर 9 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। फैसले के बाद राम मंदिर ट्रस्ट को लेकर साधु-संतों में ही फूट सामने आ गई है। साधु-संतों में फूट सामने आने के बाद शनिवार को परमहंस दास के गुरु महंत सर्वेश्वर दास ने परमहंस दास को तपस्वी छावनी से निष्कासित कर दिया। उनका कहना है कि परमहंस दास का आचरण ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि पूज्य संत महंतों पर अशोभनीय टिप्पणी करना संतों का आचरण नहीं है।
दरअसल, राम मंदिर निर्माण के लिए अनशन करने वाले संत परमहंस दास और रामजन्म भूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य रामविलास दास वेदांती का ऑडियो वायरल हुआ था। ऑडियो वायरल होने के बाद छोटी छावनी के 2 दर्जन से अधिक संतों ने तपस्वी छावनी पहुंच कर जमकर हंगामा काटा था। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस फोर्स ने महंत परमहंस दास को जिले से बाहर भेज दिया। साथ ही तपस्वी छावनी और हिंदू धाम की सुरक्षा बढ़ा दी थी। इसके बाद अयोध्या के संतों में जुबानी जंग तेज हो गई।
हंगामे के बाद न्यास के वरिष्ठ सदस्य राम विलास दास वेदांती ने अपना एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने महंत परमहंस दास पर आरोप लगाते हुए कहा कि वायरल आडियो में उनकी आवाज नहीं है। ऑडियो से उनका कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा इस तरह का ऑडियो वायरल करके महंत परमहंस दास उन्हें बदनाम करने का षड्यंत्र रच रहे हैं। उनका कहना है कि मैंने कभी भी पूज्य नृत्य गोपाल दास के लिए ऐसे शब्दों का प्रयोग नहीं किया।