अयोध्या दीपोत्सव: सरयू नदी के 28 घाटों पर जलेंगे 6 लाख दीप, कोविड-19 गाइडलाइन का करना होगा पालन
अयोध्या। राम नगरी अयोध्या में 11 से 13 नंवबर तक आयोजित होने वाला दीपोत्सव के लिए भव्य तैयारियां शुरू कर दी गई है। वहीं, पिछली बार की तरह इस बार भी दीपोत्सव को भव्य बनाने के लिए अवध यूनिवर्सिटी को पांच लाख दीपक जलाने की जिम्मेदारी दी गई है। इसके चलते यूनिवर्सिटी 6 लाख दीयों की सप्लाई के लिए टेंडर निकाल दिया है। दीपोत्सव कार्यक्रम के नोडल अधिकारी प्रो. शैलेंद्र वर्मा के मुताबिक ये सप्लाई ई-टेंडर के जरिए ली जाएगी। वहीं, इस कार्यक्रम के लिए दीपोत्सव की जगहें भी चुन ली गई हैं। हालांकि, इस बार आम जनता को दीपोत्सव में शामिल होने की अनुमति नहीं मिलेगी।
दीपोत्सव के मौके पर सरयू के तट पर कुल 24 बड़े और 4 छोटे घाटों को रोशनी से चमकाने के लिए तय कर लिया गया है। दीपोत्सव के दौरान कोविड-19 महामारी को देखते हुए, सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन को फॉलो करने की भी पूरी तैयारी की गई है। दीपकों को सजाने के दौरान भी दूरी का विशेष ध्यान रखा जाएगा। इस बार सजाए जाने वाले सभी दीये एक ही आकार के होंगे, क्योंकि इस दीपोत्सव को गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी शामिल कराए जाने का प्लान है।
बता दें कि गिनिज बुक ऑफ वर्ल्ड रेकॉर्ड के मानक के मुताबिक, दीयों को कम से कम 35 से 40 मिनट तक जलना चाहिए। 40 मिली के तेल भरने से मानक के हिसाब से दीये जलेंगे। पिछले रेकॉर्ड से इसे टैली कर यह मानक तय किया गया है। इन दीपों को जलाने के लिए अवध विश्वविद्यालय के छात्रों के अलावा डिग्री और इंटर कॉलेज से करीब 8000 छात्रों को लगाया जा रहा है। इसके लिए बकायदा उन लोगों को परिचय पत्र जारी किया जाएगा और कोविड-19 इसके चलते उन्हें जरूरी ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
यूपी की सत्ता संभालने के बाद से योगी आदित्यनाथ की सरकार दीपावली के मौके पर भव्य दीपोत्सव का आयोजन करती आ रही है। वर्ष 2017 में अयोध्या में राम की पैड़ी पर 1 लाख 65 हजार दीप जलाकर रिकार्ड बनाया गय तो इसके अगले वर्ष 2018 में 3 लाख 150 दीयों से राम की पैड़ी रोशन हुई थी। पिछले वर्ष दीपोत्सव में अब तक के सबसे अधिक 5 लाख 51 हजार दीप जले थे। अयोध्या के लिए वर्ष 2020 की दीपावली कई मायनों में बेहद खास है। राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद की यह पहली दीपावली है। यह पहली दीपावली होगी जब अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भी शुरू हो चुका है।
वहीं दूसरी तरफ डीएम अनुज झा ने बताया कि कोरोना को देखते हुए केवल वॉलिंटियर को पास निर्गत किए जाएंगे या फिर मेहमानों को आमंत्रण पत्र। इसके अलावा किसी को भी दीपोत्सव में शामिल होने की अनुमति नहीं मिलेगी। तो वहीं, 11 नवंबर 12 नवंबर को अयोध्या में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा साकेत महाविद्यालय से भगवान राम से जुड़ी जीवन वृत्तियों पर झांकियां निकाली जाएंगी। हालांकि दीपोत्सव पर इस बार मुख्य अतिथि कौन होगा अभी इसका निर्णय नहीं लिया गया है। अनुज झा ने बताया कि जिस जिस जगह पर कार्यक्रम होना है उसका निरीक्षण कर लिया गया है। सबसे ज्यादा फोकस कोविड-19 प्रोटोकॉल पर होगा।
ये भी पढ़ें:- जमीन पर बैठकर डीएम ने खुद बनाए मिट्टी के दीए, कंधे पर गमछा और पैरों में थी हवाई चप्पल