अयोध्या का फैसला: अखिलेश बोले- जो फ़ैसले फ़ासलों को घटाते हैं, वो इंसान को बेहतर बनाते हैं..
अयोध्या। अयोध्या विवाद पर 40 दिन चली सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को अपना ऐतिहासिक फैसला सुना दिया। विवादित भूमि पर राममंदिर बनाए जाने का आदेश दिया। साथ ही मुस्लिम पक्ष के लिए अयोध्या में ही अलग जगह पर 5 एकड़ भूमि दिए जाने की बात कही। इस फैसले पर यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की भी प्रतिक्रिया आई है। अखिलेश ने शाम को 5 बजे ट्वीट कर राम मंदिर के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने लिखा, ''जो फ़ैसले फ़ासलों को घटाते हैं, वो इंसान को बेहतर इंसान बनाते हैं।''
सपा और प्रसपा नेताओं ने फैसले की प्रशंसा की
अखिलेश से पहले उनके चाचा शिवपाल यादव ने भी मीडिया से बात करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जजमेंट का स्वागत किया था। तब शिवपाल ने कहा था,''सभी पक्षों को सुप्रीम कोर्ट का फैसला मानना चाहिए। सब सद्भाव से रहें। हमने तो पहले भी कहा था कि बातचीत से मामला निपटा लें, लेकिन तब बात नहीं बनी। अब सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है, जिसका पालन करना चाहिए।''
सुन्नी वक्फ बोर्ड भी बोला— फैसला मंजूर है
मुस्लिमों
का
बड़ा
संगठन
उत्तर
प्रदेश
सुन्नी
वक्फ
बोर्ड
भी
अयोध्या
विवाद
पर
आए
सुप्रीम
कोर्ट
के
फैसले
पर
सहमत
हो
गया
है।
बोर्ड
के
अध्यक्ष
जफर
फारुकी
ने
कहा
कि
हम
पहले
ही
साफ
कर
चुके
हैं
कि
सुप्रीम
कोर्ट
का
जो
भी
फैसला
आएगा,
उसे
दिल
से
माना
जाएगा।
फारुकी
ने
कहा
कि
सभी
को
भाईचारे
के
साथ
इस
फैसले
का
सम्मान
करना
चाहिए।
ऐसे
में
अब
पुनर्विचार
याचिका
दायर
करने
का
सवाल
नहीं
उठता।'
बता
दें
कि,
फैसला
आने
के
बाद
से
ही
बोर्ड
के
अन्य
नेताओं
ने
सुप्रीम
कोर्ट
के
जजमेंट
को
लेकर
नाराजगी
जताई
थी।
हालांकि
बाद
में
कई
संगठनों
ने
फैसले
का
स्वागत
किया।
अयोध्या
विवाद
के
केस
में
सुन्नी
वक्फ
बोर्ड
भी
एक
पक्षकार
है।
जफर फारुकी ने कहा— नहीं जानता कौन हैं ओवैसी'
वहीं, इस दौरान फारुकी से जब पूछा गया कि असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देने और मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन न लेने की बात कही है। तब फारुकी ने कहा कि ओवैसी कौन हैं, मैं उनको नहीं जानता और न ही कभी उनसे मिला हूं।''
इस फैसले से खत्म हुआ अब विवाद: कल्बे जव्वादशिया
धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि हम विनम्रतापूर्वक सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। मैं ऊपरवाले को धन्यवाद देता हूं कि मुस्लिम समाज के ज्यादातर लोगों ने इस फैसले को स्वीकार कर लिया और विवाद का निपटारा हो गया। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को फैसले के बाद पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का हक है।''
औवेसी ने कहा— हमें ऐसी खैरात की जरूरत नहीं'
वहीं, एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, 'अयोध्या में वो जमीन हिंदूओं को दे गई और हमें 5 एकड़ जमीन दूसरी जगह दे रहे हैं। हमें ऐसी खैरात की जरूरत नहीं है। मेरा निजी तौर पर मानना है कि मुस्लिमों को 5 एकड़ जमीन के ऑफर को वापस लौटा दिया जाना चाहिए।'
इकबाल अंसारी बोले— कोर्ट ने जो कहा वही सही है'
अयोध्या विवाद में मुस्लिम पक्ष के पैरोकार इकबाल अंसारी ने कहा कि कोर्ट ने जो कुछ कहा, ठीक कहा है। हम पहले से ही कहते रहे हैं कि कोर्ट जो भी फैसला करेगी, उसे स्वीकार करेंगे। अब सरकार को फैसला करना है कि वह हमें जमीन कहां पर देती है।
बाबर
के
वंशज
ने
किया
फैसले
का
स्वागत-
मंदिर
बनवाने
के
लिए
सोने
की
ईंट
भेंट
करूंगा,
VIDEO