राम मंदिर निर्माण: भूमि पूजन पर रखी जाएगी 40 किलो चांदी की शिला, पीएम मोदी रखेंगे आधारशिला
अयोध्या। रामजन्मभूमि में विराजमान रामलला के भव्य मंदिर निर्माण के भूमि पूजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को अयोध्या पहुंचेंगे। रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के प्रवक्ता महंत कमल नयन दास ने बताया कि मंदिर की आधारशिला रखवाने के लिए 40 किलो चांदी की शिला बनवाई गई है। इसे प्रधानमंत्री मोदी के हाथों से रखवाया जाएगा। बता दें, तीन दिवसीय अनुष्ठान 3 अगस्त से शुरू होगा और 5 अगस्त को समाप्त होगा।माना जा रहा है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी राम मंदिर के भूमि पूजन में शामिल हो सकते हैं।
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काशी के विद्वान कराएंगे भूमि पूजन
अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन पांच अगस्त को होगा। महंत कमन नयन दास ने बताया कि भगवान श्रीराम के बहुप्रतीक्षित मंदिर के शिलान्यास और भूमि पूजन की जिम्मेदारी काशी के विद्वानों और संतों की होगी। काशी विद्वत परिषद के तीन विद्वान और ब्राह्मणों का दल काशी से अयोध्या जाएगा। काशी के दो संतों को भी आमंत्रित किया गया है। 4 अगस्त को रामाचार्य पूजा होगी। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारियों का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी पांच अगस्त को सुबह 11 बजे से दोपहर 3:10 बजे तक अयोध्या में रहेंगे। भूमिपूजन से जुड़े कार्यक्रम सुबह 8 बजे शुरू होंगे।भूमि पूजन समारोह के दौरान गर्भगृह में चांदी की पांच ईंटें भी लगाई जाएंगी। कहा जा रहा है कि इनमें से पहली ईंट पीएम मोदी रखेंगे।
पीएम का अधिकारिक शेड्यूल नहीं आया
राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के डिक्री होल्डर त्रिलोकी नाथ पांडेय ने कहा, पांच अगस्त को 'भूमि पूजन' का कार्यक्रम है 'शिलान्यास' नहीं। उन्होंने बताया कि राम मंदिर का शिलान्यास 1989 में प्रधानमंत्री राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान उस समय के ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने किया था। ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा बताते हैं पीएम कार्यालय को एक फार्मल इन्वाइट भेजा गया है, लेकिन अभी तक अधिकारिक तौर पर पीएम का शेड्यूल नहीं आया है।
मंदिर में होगा विश्व स्तरीय संग्रहालय
उन्होंने
कहा
कि
प्रस्तावित
मंदिर
में
एक
विश्व
स्तरीय
संग्रहालय
भी
होगा
जहां
लोग
राम
जन्मभूमि
स्थल
से
खुदाई
में
निकली
पुरातात्विक
कलाकृतियों
को
देख
सकेंगे।
साइट
पर
हिंदू
दावे
को
स्थापित
करने
में
कलाकृतियों
ने
महत्वपूर्ण
भूमिका
निभाई।
रामकथा
संग्राहलय
में
कुछ
कलाकृतियां
पहले
से
ही
प्रदर्शित
हैं।
भारतीय
पुरातत्व
सर्वेक्षण
के
अधिकारियों
का
कहना
है
कि
वर्तमान
में
साइट
पर
25x50
वर्ग
फुट
के
शेड
के
अंदर
400
से
अधिक
सदियों
पुरानी
कलाकृतियां
हैं।
इसके
अलावा,
मानस
भवन
में
मिट्टी
के
बर्तनों
और
प्राचीन
वस्तुएं
हैं।
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