अयोध्या: भूमिपूजन में सिर्फ 175 गेस्ट, सिक्योरिटी कोड वाले कार्ड से ही मिलेगी एंट्री
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 5 अगस्त को अयोध्या आकर भव्य राम मंदिर की आधार शिला रखेंगे। इस कार्यक्रम की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। साथ ही अयोध्या को किले में तब्दील कर दिया गया है। रामजन्मभूमि में भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। कोरोना महामारी को देखते हुए सिर्फ 175 लोगों को ही आमंत्रण दिया गया है, ताकी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय के मुताबिक मंच पर पीएम मोदी के अलावा चार ही लोग होंगे, जिसमें सीएम योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपालदास और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत शामिल हैं। राय के मुताबिक सभी अतिथियों को जो नियमंत्र पत्र भेजे गए हैं, उसमें सिक्योरिटी कोड लगा हुआ है। अगर कोई भी गेस्ट रामजन्मूभूमि से कार्यक्रम के बीच से निकलता है, तो उसे दोबारा एंट्री नहीं मिलेगी।
चंपत राय के मुताबिक कोरोना का कहर जारी है, ऐसे में लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी इसमें नहीं शामिल होंगे, क्योंकि उनकी उम्र 90 वर्ष से ज्यादा है। वहीं उमा भारती अयोध्या तो आएंगी लेकिन पूजन में नहीं शामिल होंगी। इस दौरान वो सरयू के किनारे रहेंगी, जब कार्यक्रम खत्म हो जाएगा, तब वो रामलला के दर्शन करेंगी, ताकी उनसे किसी को संक्रमण का खतरा न रहे। इसके अलावा कोरोना के चलते सिर्फ 175 लोगों को ही बुलाया गया है। चंपत राय ने कहा कि लंबी चर्चा के बाद लिस्ट फाइनल हुई है। ट्रस्ट ने कई लोगों के पास फोन किया और उन्हें आमंत्रण नहीं देने के लिए माफी भी मांगी।
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मुस्लिमों
को
भी
मिला
न्योता
बाबरी
मस्जिद
केस
में
पक्षकार
रहे
इकबाल
अंसारी
को
भी
पूजन
के
लिए
न्योता
मिला
है।
जिस
पर
उन्होंने
खुशी
जताई।
इसके
अलावा
पद्मश्री
विजेता
मोहम्मद
शरीफ
भी
कार्यक्रम
में
शिरकत
करेंगे।
पद्मश्री
शरीफ
ने
अब
तक
10
हजार
से
ज्यादा
अज्ञात
शवों
का
अंतिम
संस्कार
करवाया
है।
मामले
में
चंपत
राय
ने
कहा
कि
राम
मंदिर
को
लेकर
जश्न
मनाने
का
मतलब
ये
नहीं
कि
किसी
दूसरे
को
बुरा
महसूस
हो,
इसलिए
मुस्लिम
पक्षकारों
को
भी
कार्यक्रम
में
बुलाया
गया
है।