शिवपाल यादव खत्म करना चाहते हैं सपा से दूरियां, कहा- फिर से एकजुट हों समाजवादी नेता
इटावा। समाजवादी पार्टी का साथ छोड़ शिवपाल सिंह यादव ने खुद की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (PSP) बनाई थी और यूपी की सियासत में ताल ठोकी थी। तो वहीं, अब 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले शिवपाल सिंह यादव के तेवर नरम पड़ने लगे है। दरअसल, स्वतंत्रता दिवस के दिन शिवपाल सिंह यादव ने भतीजे अखिलेश यादव के लिए बड़ा संदेश दे दिया है। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि सभी समाजवादी फिर एक हो जाएं और इसके लिए वह त्याग करने को भी तैयार हैं।
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15 अगस्त यानि स्वतंत्रता दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने इटावा के शहीद स्मारक पहुंचे थे। इस दौरान शिवपाल सिंह यादव ने भतीजे को एक तरह से सुलह का संदेश दे डाला। यहां शिवपाल सिंह ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, देखिए हम चाहते हैं कि सभी समाजवादी फिर से एक हो जाएं। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ, तो जनता फैसला लेगी। जनता का जो फैसला होगा, उसका सम्मान करेंगे।
शिवपाल ने इस अवसर पर डॉक्टर राम मनोहर लोहिया को भी याद किया और कहा कि आजादी लड़ाई में सभी समाजवादियों, खासकर डॉक्टर लोहिया का योगदान काफी अहम रहा। कोरोना काल के बीच मिशन 2022 की तैयारियों में जुट चुके समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के लिए उनका यह बयान काफी मायने रखता है। आपको बता दें कि शिवपाल ने अक्टूबर 2018 में सपा से अलग होकर नई पार्टी बनाई थी। अखिलेश यादव के सपा अध्यक्ष बनने के बाद जनवरी 2017 में यादव परिवार की कलह खुलकर सामने आ गई थी।
सपा
ने
शुरू
की
मिशन-2022
की
तैयारी
उधर,
कोरोना
काल
के
लंबा
खिचने
के
आसार
के
चलते
समाजवादी
पार्टी
ने
अब
चुनौतियों
को
नए
तरीके
से
निपटने
पर
काम
शुरू
कर
दिया
है।
कार्यकर्ताओं
में
जोश
बनाए
रखने
की
मुहिम
वर्चअुल
संवाद
के
जरिए
की
जा
रही
है।
साथ
ही
कोरोना
संकट
में
सरकार
की
खामियों
को
उजागर
करने
में
भी
सपा
खासी
आक्रामक
दिखती
है।
इस
मुहिम
में
उसे
मुकाबला
कांग्रेस
और
बसपा
से
भी
करना
पड़
रहा
है।
उसकी
निगाह
मिशन-2022
पर
है।