यहां 3 पत्नियों ने प्रत्याशी पतियों के खिलाफ ठोंकी ताल, निर्दलीय लड़ रहीं चुनाव
Etawah news, इटावा। लोकसभा चुनाव में पति के सामने पत्नियां भी मैदान में उतर चुकी हैं। पहले रामशंकर कठेरिया की पत्नी ने अपने पति के खिलाफ नामांकन किया तो दूसरी तरफ प्रगतिशील पार्टी से प्रत्याशी शंभू दयाल दोहरे की पत्नी उनके सामने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतर चुकी हैं। वहीं, गठबंधन के प्रत्याशी कमलेश कठेरिया की पत्नी ने भी अपना नामांकन निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भरा है।
नामांकन के आखिरी दिन रही गहमागहमी
इटावा में नामांकन के आखिरी दिन काफी गहमागहमी रही, क्योंकि तीन दल सपा-भाजपा-प्रसपा के प्रत्याशियों की पत्नी ने अपने अपने पति के खिलाफ चुनाव मैदान में उतर आई। नामांकन के आखिरी दिन पहले भाजपा के प्रत्याशी रामशंकर कठेरिया की पत्नी ने अपने पति के खिलाफ निर्दलीय नामांकन किया। वहीं, दूसरी तरफ सपा बसपा गठबंधन के प्रत्याशी कमलेश कठेरिया की पत्नी पूजा कठेरिया ने अपने पति के सामने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया तो वहीं शिवपाल सिंह यादव की प्रसपा पार्टी से शंभू दयाल दोहरे की पत्नी पुष्पादयाल दोहरे ने भी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन किया।
प्रसपा प्रत्याशी की पत्नी ने कहा- जीत मेरी होगी
प्रसपा प्रत्याशी की पत्नी पुष्पलता कठेरिया ने कहा, ''जीत मेरी होगी, वोट मुझे मिलेगा। जनता की सेवा करना है, मैंने समाज की सेवा की है। बोट भी मुझे मिलेगा, कई सवालों पर खामोशी बनाए रखी।''
पर्चा भरा है तो जीत भी मेरी होगी: मृदुला कठेरिया
मृदुला कठेरिया ने नामांकन के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा, 'उनके पति से उनकी कोई नारजगी नहीं है, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।' उन्होंने कहा कि वह पिछले काफी दिनों से भाजपा से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही थी लेकिन पार्टी ने उनके पति रामशंकर को प्रत्याशी घोषित कर दिया। इटावा की जनता उन्हें प्रत्याशी के तौर पर देखना चाहती थी इसलिए जनता का मन रखने के लिए उन्होंने नामांकन दाखिल किया है। यह लोकतन्त्र है कोई भी चुनाव लड़ सकता है। मैने पर्चा भरा है तो जीत भी मेरी ही होगी।
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