यूपी में मिले 5वीं सदी के गुप्त काल से जुड़े मंदिर के अवशेष, 1500 साल पुरानी शंख लिपि में लिखा इस राजा का नाम
लखनऊ, 11 सितंबर: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को उत्तर प्रदेश के एटा जिले के अलीगंज के पास एक संरक्षित स्थल पर खुदाई के दौरान गुप्त काल के एक मंदिर की सीढ़ियां और दो खंभे मिले हैं। एएसआई ने इन अवशेषों की तस्वीरें ट्विटर पर शेयर करते हुए बताया कि एक सीढ़ी पर शंख लिपि (शेल स्क्रिप्ट) में अभिलेख लिखा हुआ है। ये सभी अवशेष 1500 साल से ज्यादा पुराने हैं। बताया जा रहा है कि यह अवशेष गुप्त कालीन 5वीं सदी के मंदिर के हैं।
गुप्त वंश के शक्तिशाली शासक कुमारगुप्त के शिलालेख
आगरा सर्कल के अधीक्षण पुरातत्वविद् वसंत स्वर्णकार ने बताया कि एटा जिले के अलीगंज क्षेत्र के पास बिलसाड गांव में एक संरक्षित स्थल है। ऐसा माना जाता है कि यह गुप्त वंश के शासन के दौरान बने एक मंदिर का स्थल है। यहां हमने दो स्तंभों की खुदाई की, जिन पर गुप्त वंश के शक्तिशाली शासक कुमारगुप्त के बारे में पांचवीं शताब्दी ईस्वी की 'शंख लिपि' में एक शिलालेख है। इसी के साथ ही उन्होंने कहा मौजूदा वक्त में साइट पर सफाई का काम चल रहा है।
मंदिर के प्रवेश द्वार का हिस्सा
स्वर्णकर ने बताया कि जब दो स्तंभों की गहराई जानने के लिए और खुदाई की गई, तो हमने एक अच्छी तरह से तैयार सीढ़ी और उसके बाद तीन और सीढ़ियों का पता लगाया, जो दर्शाता है कि वे एक मंदिर के प्रवेश द्वार का हिस्सा रहे होंगे। बीच में एक चबूतरा था, लेकिन जगह न होने के कारण सफाई का काम रोक दिया गया था। चौथी सीढ़ी सबसे बड़ी थी और पांचवीं शताब्दी की विशिष्ट 'शंख लिपि' में शिलालेख थे। बता दें कि गुप्तकालीन सम्राट कुमार गुप्त ने 415 ई. से 455 ई. तक शासन किया था। इसी वक्त उनको श्री महेंद्रादित्य की उपाधि दी गई थी।
शिलालेख पर लिखा 'श्री महेंद्रादित्य'
जानकारी के मुताबिक शिलालेख को 'श्री महेंद्रादित्य' के रूप में पढ़ा गया था, जो राजा कुमारगुप्त की उपाधि थी, जिन्होंने अपने शासन के दौरान 'अश्वमेध यज्ञ' भी किया था। इसी तरह के शिलालेख वाले घोड़े की मूर्ति लखनऊ के राज्य संग्रहालय में है। उन्होंने कहा कि ये खुदाई और शिलालेख हमें विश्वास दिलाते हैं कि वे मंदिर जैसी संरचना का हिस्सा थे, लेकिन इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है कि मंदिर किस देवता या देवता को समर्पित है।
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An inscription in Shankh lipi on one of the steps, datable to 5th century CE, Gupta period, possibly reading "Sri Mahendraditya..”, identified as Kumargupta of the Gupta dynasty has been unearthed. @MinOfCultureGoI pic.twitter.com/iz7XIB2MHG
— Archaeological Survey of India (@ASIGoI) September 8, 2021