
जब आशा पारेख ने बताई थी बॉलीवुड छोड़ने की वजह, कहा- मुझे किया जाता था टॉर्चर
मुंबई, 23 जूनः हिंदी सिनेमा की मशहूर एक्ट्रेस आशा पारेख एक पुराना इंटरव्यू इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस इंटरव्यू में उन्होंने साफ बताया कि क्यों वह बॉलीवुड छोड़ने पर मजबूर हुई थीं। ऐसा क्या कारण था कि उन्हें एक्टिंग को अलविदा कहना पड़ा। आपको बता दें कि हिंदी सिनेमा जगत में आशा पारेश एक जाना माना नाम है। उन्होंने बॉलीवुड के कई बड़े एक्टरों के साथ काम किया है जिनमें शम्मी कपूर से लेकर राजेश खन्ना तक शामिल हैं। फिल्मों में अपने दमदार अभिनय के लिए उन्हें साल 1992 में भारत सरका द्वारा पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। हालांकि इस इंटरव्यू में उन्होंने बॉलीवुड में अपने दर्दनाक सफर के बारे में बात की है। आशा ने बताया था कि उन्हें मां के रोल के लिए अप्रोच किया गया था लेकिन उन्होंने इसके लिए मना कर दिया था। उन्होंने एक और फिल्म न करने की वजह भी बताई। दरअसल आशा पारेख को सेट पर टॉर्चर फील होता था। आइए जानते हैं आशा पारेख ने ऐसा क्या कहा था इस इंटरव्यू में और क्यों ये वायरल हो रहा है।

मुझे सेट पर टॉर्चर किया जाता था
पीटीआई के दिए गए इंटरव्यू में आशा पारेख ने बताया था कि उन्हें फिल्मों के सेट पर टॉर्चर किया जाता था। उन्होंने बताया था कि शूटिंग का टाइम सुबह होता था लेकिन मेल एक्टर शाम को शूट पर पहुंचते थे। आशा पारेख के अनुसार उन्होंने इस चॉर्चर से परेशान होकर ही एक्टिंग करना छोड़ दिया था। पुराने इंटरव्यू में आशा ने बताया था कि उन्हें मां का रोल ऑफर हुआ था लेकिन उनको ये अच्छा नहीं लगा। एक फिल्म को याद करते हुए आशा पारेख ने कहा था कि फिल्म के हीरो शाम तक सेट पर आते थे जबकि शेड्यूल सुबह का होता था। वह ये सब नहीं झेल पा रही थीं।

बाल कलाकार के रूप में शुरू की एक्टिंग
अमिताभ बच्चन को बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के बारे में आशा पारेख ने कहा था- जब अमिताभ ने अपनी दूसरी इनिंग्स शुरू की थी तब भी उन्हें सेंट्रल कैरेक्टर के रूप में ही कास्ट किया गया लेकिन मेरा साथ ऐसा नहीं हुआ। मुझे ऐसा मौका नहीं मिला। आपको बता दें कि आशा पारेख ने एक्टर शम्मी कपूर के साथ दिल देके देखो (1959) के साथ अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। इससे पहले उन्होंने बेबी आशा पारेख नाम से एक बाल कलाकार के रूप में अपना करियर शुरू किया था और मां (1952) और बाप बेटी (1954) फिल्मों में अभिनय किया था। वहीं आशा पारेख और अमिताभ बच्चन ने एक्शन-थ्रिलर फिल्म कालिया (1981) में एक साथ काम किया था। इस फिल्म में परवीन बाबी, कादर खान, प्राण और अमजद खान भी नजर आए थे।

मुझे मां के रोल ऑफर हो रहे थे
उस इंटरव्यू में आशा पारेख ने बताया था- समय के साथ साथ मेरे पास मां के रोल के लिए ऑफर आने लगे। मैंने कुछ फिल्मों में मां का रोल किया भी लेकिन मैं ऐसा करके बिल्कुल खुश नहीं थी। मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि मैं जो कर रही थी वह सही था। मुझे याद है कि एक फिल्म थी जिसमें मुझे प्रताड़ित किया गया था क्योंकि उस फिल्म का एक्टर शाम को 6:30 बजे सेट पर पहुंचा जबकि शूटिंग का शेड्यूल टाइम सुबह 9:30 बजे का था। तब मुझे लगने लगा कि मेरे साथ ये सब सही नहीं हो रहा है।
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बॉलीवुड छोड़ना कोई कठिन फैसला नहीं था
उन्होंने आगे बताया- मेरे पास इस सब के माध्यम से खुद को दूर रखने का कोई रास्ता नहीं था। मैं एक शॉट देने के लिए सुबह से शाम तक इंतजार नहीं करना चाहती थी। मैंने फैसला किया कि मैं अब और काम नहीं करना चाहती। यह मेरे लिए कठिन फैसला नहीं था। आपको जीवन में कुछ परिस्थितियों को स्वीकार करना होता है। मैं बूढ़ी हो रही हूं इसलिए मुझे इसे इनायत से लेना चाहिए। मिस्टर अमिताभ बच्चन को दूसरी पारी मिली है। वह भाग्यशाली है, उन पर भगवान का आशीर्वाद है। लोग आज भी ऐसी फिल्में बनाते हैं जहां वह सेंट्रल कैरेक्टर के रूप में काम करते हैं। मुझे इस तरह के अवसर नहीं मिलते। अगर मुझे ऐसा कुछ मिलता है, तो मैं निश्चित रूप से काम करना चाहूंगी।