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छत्तीसगढ़ के इस विधायक पर लगा तिरंगे के अपमान का आरोप, भाजपा ने की FIR दर्ज करने की मांग

कांग्रेस के राजनांदगांव जिले से डोंगरगांव के विधायक दलेश्वर साहू पर तिरंगे के अपमान का आरोप लगाया गया है। महापौर हेमा देशमुख के बाद डोंगरगांव विधायक पर अपराध दर्ज करने की मांग को लेकर भाजपा नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है।

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राजनांदगांव, 15 अगस्त। देशभर में आजादी की 75 वीं वर्षगांठ पर आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। आजादी के 76 वर्ष में प्रवेश करने पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा आज छत्तीसगढ़ के हर हर चौक चौराहों में शान से फहराया गया। इस बीच कांग्रेस के राजनांदगांव जिले से डोंगरगांव के विधायक दलेश्वर साहू पर तिरंगे के अपमान का आरोप लगाया गया है। राजनांदगांव की महापौर हेमा देशमुख के बाद अब डोंगरगांव विधायक पर अपराध दर्ज करने की मांग को लेकर भाजपा नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है।

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जानिए कैसे हुआ तिरंगे का अपमान
दरअसल डोंगरगांव में रविवार को विधानसभा स्तरीय आजादी गौरव पदयात्रा के समापन अवसर पर अंतिम गौरव पदयात्रा रैली बड़े धूमधाम से निकाली गई। हल्की बारिश के बीच यहां कई कांग्रेस कार्यकर्ता तीन रंगों वाली छतरी लिए नजर आए। और तो और इस छतरी में अशोक चक्र भी बना था। जिसके नीचे विधायक दलेश्वर साहू का नाम लिखा था। अब यह मामला तूल पकड़ते देर नही लगा। और इसका वीडियो वायरल हो गया।

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भाजपा नेताओं ने खोला मोर्चा
इस बात की भनक जैसे भाजपा नेताओं को लगी सभी ने विधायक दलेश्वर साहू के खिलाफ तिरंगे के अपमान को लेकर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। कांग्रेस की गौरव यात्रा दीवानभेड़ी से डोंगरगांव तक जाना था। यात्रा के मुख्यालय पहुंचने के पहले विधायक समर्थकों ने रैली निकाली। इस रैली में डीजे की देशभक्ति धुन में लोग झूमते रहे । वहीं छतरी वाले तिरंगे में बने अशोक चक्र के नीचे लिखे विधायक के नाम को तिरंगे का अपमान बताया है।
विधायक ने कहा यह कार्यक्रम मेरा नही
भाजपा नेताओं के आरोप लगाया कि रैली को राजनीतिक रंग देते हुए उसमें शामिल लोगों को तीन रंग वाली छतरी दी गई। जिसमें अशोक चक्र बना था। इसे लेकर अब विवाद छिड़ गया है। डोंगरगांव विधायक दलेश्वर साहू ने इस आरोप पर सफाई देते हुए कहा कि मैंने न तो झंडे का उपयोग छतरी के तौर पर किया है और न ही मैंने इसे बनवाया है। कार्यक्रम में आमंत्रित किए जाने पर मैं बतौर मुख्य अतिथि के रूप में वहां पहुंचा था।
राष्ट्रीय ध्वज सहिंता में अपराध
भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के उपयोग व फहराने को लेकर राष्ट्रीय ध्वज सहिंता के तहत बनाए गए नियमों का पालन भारत के प्रत्येक नागरिक को करना होगा, वही तीन रंगों वाले राष्ट्रीय ध्वज में अशोक चक्र भी स्थापित है। यदि किसी झंडे में अशोक चक्र निर्मित है और उस तिरंगे का उपयोग अन्य किसी प्रयोजन में किया जा रहा है। तो इसे तिरंगे का अपमान माना जाएगा। राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम, 1971 की धारा 2 के अनुसार, जो कोई भी सार्वजनिक स्थान पर या किसी अन्य स्थान पर तिरंगा का अपमान करता है, फिर चाहे शब्दों से या लिखकर, उसे तीन साल की जेल या जुर्माना या फिर दोनों से दंडित किया जाने का प्रावधान है.

महापौर पर दर्ज कराया गया है FIR
कुछ इसी तरह राजनांदगांव शहर में निकली कांवड़ यात्रा के दौरान उल्टा ध्वज लेकर चलने के मामले में मेयर हेमा देशमुख और पार्षद मणि भास्कर गुप्ता पर एफआईआर कराया गया है। भाजपा नेताओं ने डोंगरगांव विधायक साहू के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की। मामले में एसपी प्रफुल्ल ठाकुर ने कहा कि अब तक पुलिस को इस मामले की शिकायत नहीं मिली है। शिकायत आने पर जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

English summary
This MLA from Chhattisgarh was accused of insulting the tricolor, BJP demanded registration of FIR
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