शिक्षा गुणवत्ता सुधार में कलेक्टर का प्रयास, सप्ताह में एक दिन स्कूलों में पढ़ाएंगे अधिकारी व डॉक्टर
राजनांदगांव जिले में कलेक्टर डोमन सिंह ने एक नया प्रयास शुरु किया है। जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों को सप्ताह में एक दिन स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी दि जा रही है।
राजनांदगांव 13 जुलाई। छत्तीसगढ़ सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता सुधार करने एवं बच्चों को बहुआयामी शिक्षा देने के उद्देश्य से कुछ नए प्रयोग अपना रही है। वहीं राजनांदगांव जिले में कलेक्टर डोमन सिंह ने एक नया प्रयास शुरु किया है। जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों को सप्ताह में एक दिन स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी दी जा रही है। इस प्रयोग के पीछे कलेक्टर की मंशा है कि बच्चे उन अधिकारियों से सीधे तौर पर मिल सकेंगे व उनके पद व पद से सबंधित शिक्षा की जानकारी ले सकेंगे। जिससे बच्चे स्कूल से निकलने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए स्वयं निर्णय भी ले सकेंगे । फिलहाल छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में इसे प्रयोग किया जा रहा है। वहीं कुछ जिलों में इस पर विचार किया जा रहा है।
राज्य में पहले जिले के रूप में प्रयोग करने वाले कलेक्टर डोमन सिंह ने स्वयं शासकीय पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी कन्या उच्चतर माध्यमिक शाला राजनांदगांव में कक्षा बारहवीं के बच्चों को शिक्षक बनकर कॉमर्स विषय पढ़ाकर इसकी शुरुआत की। उन्होंने आयकर की जानकारी देते हुए बताया कि नागरिकों को अपनी आय के अनुसार शासन को कर देना होता है। व्यवसायी प्रतिदिन सुबह व्यवसाय करने के बाद ओपनिंग बैंलेंस तथा शाम को क्लोजिंग बैंलेंस का ब्योरा रखते हैं। उन्होंने अर्थशास्त्र, बिजनेस स्टडी के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कॉमर्स के विद्यार्थियों के लिए बीबीए एवं एमबीए के कोर्स का भी ट्रेंड है और कैरियर के लिए कई नए आयाम हैं।
कलेक्टर
ने
बच्चों
का
बढ़ाया
हौसला
कहा
"कोई
भी
विषय
छोटा
या
बड़ा
नहीं"
स्कूल
में
क्लास
लेते
हुए
कलेक्टर
ने
बारहवीं
कक्षा
के
बच्चों
को
मोटिवेट
भी
किया।
उन्होंने
कहा
कि
हर
विषय
महत्वपूर्ण
होता
है
कोई
विषय
छोटा
या
बड़ा
नहीं
होता
।
अपने
विषय
में
अच्छी
मेहनत
करें
और
सफलता
अर्जित
करें।
आप
जो
सोच
रहे
हैं,
वह
बन
सकते
हैं।
लक्ष्य
के
प्रति
समर्पण
एवं
निष्ठा
के
साथ
कार्य
करेंगे,
तो
सफलता
जरूरी
मिलेगी।
कलेक्टर
ने
कहा
कि
यह
आपके
जीवन
का
महत्वपूर्ण
मोड़
है।
समाचार
पत्र
जरूर
पढ़ें
और
इसे
अपनी
आदत
में
शामिल
करें।
अपनी
पढ़ाई
का
समय
जरूर
बढ़ायें।
उन्होंने
कहा
कि
वे
प्रत्येक
सप्ताह
स्कूल
में
बच्चों
को
पढ़ाने
आएंगे।
राजपत्रित
अधिकारियों
व
डॉक्टरों
को
भी
दी
गई
स्कूलों
की
जिम्मेदारी
कलेक्टर
ने
सभी
राजपत्रित
अधिकारियों
और
डॉक्टरों
को
निर्देश
जारी
करते
हुए
सभी
ब्लॉक
व
तहसीलों
के
आधार
पर
बच्चों
को
पढ़ाने
की
जिम्मेदारी
दी
गई
है।
उसी
क्रम
में
डोंगरगांव
व
छुरिया
ब्लाक
के
सभी
प्रशासनिक
अधिकारियों
और
डॉक्टरों
को
बच्चों
को
पढ़ाने
की
जिम्मेदारी
दी
गई
है।
डिप्टी
कलेक्टर
और
डॉक्टर
भी
बच्चों
को
हफ्ते
में
एक
दिन
स्कूल
में
विषयों
के
पाठ
पढ़ाएंगे।
डॉक्टरों
से
बच्चों
को
मेडिकल
से
संबंधित
पढ़ाई
की
जानकारी
मिल
सकेगी,
जिससे
बायो
के
छात्र
आगामी
परीक्षा
की
तैयारी
कर
पाएंगे।
स्कूलों
में
होने
वाली
गतिविधियों
की
जानकारी
भी
अधिकारी
रखेंगे।
वही
यहां
बच्चों
के
शिक्षा
के
स्तर
में
सुधार
के
लिए
अधिकारी
जिम्मेदार
होंगे।
गुणवत्ता सुधार के प्रयास को लोगों ने सराहा
शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े विषय विशेषज्ञों का मानना है कि यह शिक्षा के लिए बेहतर प्रयोग है, इससे छात्र प्रदेश का अपने स्थानीय अधिकारी डॉक्टर और अन्य महकमों से परिचित हो पाएंगे साथ ही उक्त अधिकारियों का किस तरह चयन हुआ और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी किस तरह की तैयारी की जानी चाहिए इन सभी विषयों की जानकारी छात्रों को होगी।
इन
अधिकारियों
को
दी
गई
स्कूलों
की
जिम्मेदारी
राजनांदगांव
जिले
में
क्षेत्र
के
अनुसार
सभी
राजपत्रित
अधिकारियों
को
स्कूलों
की
जिम्मेदारी
दी
गई
है,
ताकि
अधिकारी
भी
उन
स्कूलों
के
संपर्क
में
रहें।
इसके
तहत
एसडीएम
सुनील
कुमार
नायक
को
शासकीय
हायर
सेकेंडरी
स्कूल
विजयवाडा,
तहसीलदार
छुरिया
अनुरिमा
एस
कुमार
टोप्पो
को
स्वामी
आत्मानंद
अंग्रेजी
माध्यम
स्कूल
छुरिया,
डोंगरगांव
तहसीलदार
कोमल
ध्रुव
को
शासकीय
उच्च
माध्यमिक
शाला
मोहर,
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी
जनपद
पंचायत
छुरिया
को
तहसीलदार
डोंगरगांव
को
शासकीय
हाई
स्कूल
बमनी
चारभाटा,
नवीन
कुमार
मुख्य
कार्यपालन
अधिकारी
जनपद
डोंगरगांव
शासकीय
उच्च
माध्यमिक
शाला
मनेरी
में
बच्चों
को
पढ़ाएंगे।