जज उत्तम आनंद हत्याकांड के जांच अधिकारी को CBI मुख्यालय ने बदला, SP विकास कुमार अब करेंगे जांच
धनबाद। झारखंड के धनबाद के जिला जज उत्तम आनंद की हत्याकांड की गुत्थी सुलझती हुई नजर नहीं आ रही है, जिसके चलते हाईकोर्ट सीबीआई की जांच से काफी निराश है। वहीं अब सीबीआई मुख्यालय ने इस मामले के जांच अधिकारी को बदल दिया है। अब सीबीआई दिल्ली की स्पेशल क्राइम ब्रांच-2 के एसपी विकास कुमार को नया जांच अधिकारी बनाया गया है। हालांकि अब तक एएसपी विजय शुक्ला यह केस देख रहे थे। नए जांच अधिकारी विकास कुमार ने शुक्रवार को कोर्ट में आवेदन देकर बतौर आईओ जेल में बंद आरोपित राहुल वर्मा और लखन वर्मा से जेल में ही तीन दिनों तक पूछताछ की इजाजत मांगी, जिसे शर्तों के साथ कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
इसी केस में CBI ने जांच में मदद के लिए धनबाद के बहुचर्चित कोयला कारोबारी प्रमोद सिंह हत्याकांड का राजफाश करने वाले तत्कालीन इंस्पेक्टर और स्पेशल क्राइम-2 में DSP पद पर तैनात मुकेश शर्मा को भी शामिल किया है।
CBI के विशेष न्यायाधीश सह जिला एवं सत्र न्यायाधीश-तृतीय रजनीकांत पाठक की अदालत में नए IO विकास कुमार ने लिखित आवेदन देकर कहा, 'जांच के दौरान कुछ नए क्लू और लीड मिले हैं, जिससे इस हत्याकांड के पीछे गहरी साजिश और मास्टरमाइंड के विषय में नई जानकारियां मिली हैं। जेल में बंद आरोपियों से पूछताछ में साजिश पर कुछ नए तथ्य सामने आ सकते हैं। इसलिए हमें दोनों से 29 जनवरी से 31 जनवरी तक पूछताछ की इजाजत दी जाए।'
CBI ने शुक्रवार को CBI की विशेष अदालत में जज हत्याकांड से संबंधित केस डायरी सौंप दी। CBI इस मामले के आरोपी लखन वर्मा तथा राहुल वर्मा के खिलाफ पूर्व में ही अदालत के समक्ष आरोप पत्र दाखिल किया था, परंतु केस डायरी अटैच नहीं थी। आरोप पत्र के आधार पर निचली अदालत ने ट्रायल के लिए भेज दिया था। CBI की विशेष अदालत में यह मामला आरोप गठन के लिए रखा गया है। अगली सुनवाई 2 फरवरी को होगी।
जज उत्तम आनंद की हत्या के लिए प्रयुक्त किए गए ऑटो रिक्शा की चोरी के मामले में शुक्रवार को CBI के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी सह SDJM अभिषेक श्रीवास्तव की अदालत ने आरोपी लखन वर्मा तथा राहुल वर्मा को जमानत देने से मना कर दिया है। अदालत ने दोनों की जमानत अर्जी खारिज कर दी है।