नवरात्रि 2022: एक ऐसा सिद्धपीठ दुर्गा मंदिर जिसके आगे नतमस्तक थी ब्रिटिश हुकूमत
शारदीय नवरात्र का अवसर है।भक्तों एंव श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दुर्गा मंदिरों के बाहर देखने को मिल रही है।आस्था के इस पर्व पर आज हम आप को एक ऐसे सिद्धपीठ दुर्गा मंदिर की रोचक कहानी बताने जा रहे हैं जिसके आगे ब्रिटिश भी नत
देवरिया,29सितंबर: शारदीय नवरात्र का अवसर है।भक्तों एंव श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दुर्गा मंदिरों के बाहर देखने को मिल रही है।आस्था के इस पर्व पर आज हम आप को एक ऐसे सिद्धपीठ दुर्गा मंदिर की रोचक कहानी बताने जा रहे हैं जिसके आगे ब्रिटिश भी नतमस्तक थे।जी हां हम बात कर रहे हैं देवरिया जिला मुख्यालय से 11 किमी दूर स्थित अहिल्यापुर देवी मंदिर।यह भक्तों के आस्था का प्रमुख केंद्र है। मां भक्तों की सभी मुरादें पूरी करती हैं।
प्राचीन है मंदिर
मंदिर प्रबंधन से मिली जानकारी के मुताबिक, अहिल्यापुर दुर्गा मंदिर का इतिहास काफी पुराना है। बताया जाता है कि अंग्रेजी हूकूमत को भी आदि शक्ति मां दुर्गा के आगे नतमस्तक होना पड़ा था।बात उस समय की है जब भारत अंग्रेजी हुकूमत के अधीन था। देश पर अंग्रेजों का जुल्म जारी था।देश में अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए अंग्रेज रेल लाइन बिछाने का काम कर रहे थे। जहां से रेल लाइन बिछनी थी वहां मां की पिण्डी थी।ग्रामीणों के समझाने के बाद भी अंग्रेज नहीं माने और पिंड के बीचोबीच से रेल लाइन बिछा दी।अगली सुबह वह पटरी उखड़ी मिली।अंग्रेजों ने फिर पटरी बिछायी,अगले दिन वह उखड़ी मिली।यही क्रम सात-आठ बार चला।अंग्रेजों की लाख कोशिशों के बाद भी जब पटरी नहीं बिछ पायी।उसे मंदिर से कुछ दूर ले जाना पड़ा। उन्हें मां के आगे नतमस्तक होना पड़ा।
अंग्रेजों ने मानी मां की शक्ति
इस घटना के बाद से ही अंग्रेजों को मां की शक्ति का बोध हुआ।उन्होंने इस घटना के बाद मंदिर का जीर्णोद्धार कराया।धीरे-धीरे मां की शक्ति की दूर-दूर तक चर्चा होने लगी।भक्तों की भारी भीड़ मंदिर पर लगने लगी और यह आस्था का प्रमुख केंद्र बन गया।
उमड़े श्रद्धालु
यह मंदिर सिद्धपीठ देवरिया के उत्तर ग्रामसभा अहिल्वार बुजुर्ग से सटे स्थित रेलवे लाइन के उत्तर तरफ मौजूद है। वैसे तो वर्ष भर यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है किन्तु चैत्र एवं शारदीय नवरात्रि के दौरान लाखों की संख्या में भक्तजन यहां अपनी मनोकामनां लेकर पहुंचते हैं।इस दौरान यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है।