यूपी में 9 साल के बच्चे को हुई अजीब बीमारी, शरीर की हड्डियां आपस में चिपक गईं, चलना-बैठना दूभर
देवरिया। उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में एक 9 साल का बच्चा अलग ही तरह की बीमारी का शिकार हुआ है। बच्चे की हड्डियां आपस में चिपक गई हैं। हो चुकी इन हड्डियों के जोड़ों में कोई हरकत ही नहीं होती। जिससे बच्चे का चलना-बैठना दुश्वार हो गया है। उसके माता-पिता ने सोचा कि वह विकलांग है, इसलिए उसे इलाज के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज ले गए। जहां जांच में पता चला कि उसे अति दुर्लभ बीमारी क्लिपल फेली सिंड्रोम है।
2 लाख में से किसी एक को होती है ऐसी बीमारी
बच्चे का नाम अमित दुबे है। डॉक्टरों ने अभी उसका एक ऑपरेशन किया है और उसके अभी 10 से ज्यादा ऑपरेशन होने हैं। डॉक्टरों का कहना है कि क्लिपल फेली सिंड्रोम दो लाख बच्चों में किसी एक में पाया जाता है। बीआरडी में एक दशक में इस बीमारी से ग्रसित पहला बच्चा भर्ती हुआ है।
मजदूर का बेटा है अमित
संवाददाता के अनुसार, अमित दुबे देवरिया के बैतालपुर क्षेत्र के रामपुर दुबे गांव का रहने वाला है। उसके पिता अरुण मजदूरी करते हैं। एक बार उन्होंने कहा कि अमित को यह बीमारी जन्म से है। उसकी उम्र जब दो साल थी तब उसे इलाज के लिए जयपुर लकर गए थे।
इलाज का खर्च ज्यादा बताया तो जयपुर से लौटे
वहां डॉक्टरों ने इलाज के लिए भारी खर्च बताया, तब परिवार रकम जुटा न सका। ऐसे में परिजनों ने बच्चे को नियति पर छोड़ दिया। बाद में उसकी चर्चा इलाके में हुई तो लोगों ने उसे बीआरडी मेडिकल कॉलेज ले जाने का सुझाव दिया।
क्या है क्लिपेल फ़ील सिंड्रोम?
क्लिपेल फ़ील सिंड्रोम एक दुर्लभ हड्डी विकृति है, जो गर्दन में दो या अधिक हड्डियों के असामान्य संलयन के रूप में पनपती है। इस विकार की जद में आने वाले बच्चों के सिर, गर्दन और गर्दन के क्षेत्र में गति की कमी हुई, गर्दन की गति कम हो सकती है। या उनके सिर के पीछे कम बाल हो सकते हैं। इस विकृति की पहचान पहली बार 1912 में फ्रेंचमैन मौरिस क्लिपेल और एंड्रे फेइल ने की थी। किसी बच्चे में यह बीमारी गर्भाशय के अंदर पनपनती है। इस तरह का सिंड्रोम भ्रूण में अल्कोहल सिंड्रोम, गोल्डनहर सिंड्रोम और बाहों या पैरों की असामान्यताओं के साथ भी हो सकता है।
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