Yes Bank की मौजूदा हालात के लिए जिम्मेदार हैं ये बड़ी कंपनियां, अनिल अंबानी और सुभाष चंद्रा की कंपनी भी शामिल
नई दिल्ली। यस बैंक के पूर्व एमडी और सीईओ राणा कपूर और उनके परिवार पर कथित मनी लॉन्ड्रिंग और देश की कई बड़ी कंपनियों को संदिग्ध रूप से दिए गए लोन की जांच चल रही है। इस दौरान सूत्रों के जरिए पता चला है कि यस बैंक ने 10 बड़े भारतीय व्यापारिक समूहों से संबंधित 44 कंपनियों को 34 हजार करोड़ रुपये का लोन दिया है। इस लिस्ट के अनुसार, अनिल अंबानी समूह की नौ कंपनियां 12,800 करोड़ रुपये के एनपीए के लिए जिम्मेदार हैं, जबकि सुभाष चंद्रा के एस्सेल समूह से संबंधित लगभग 16 कंपनियों पर यस बैंक का लगभग 8,400 करोड़ का लोन है।
वहीं डीएचएफएल समूह के दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉरपोरेशन और विश्वास रियल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड ने 4,735 करोड़ रुपये का ऋण लिया, जबकि यस बैंक ने आईएल एंड एफएस को 2,500 करोड़ रुपये का लोन दिया। यस बैंक ने जेट एयरवेज को 1,100 करोड़ रुपये का ऋण दिया है। यस बैंक की इस स्थिति के लिए जिम्मेदार अन्य समूह है केर्कर ग्रुप, इस समूह की दो कंपनियों कोक्स अंड किंग्स एंड गो ट्रेवल्स ने यस बैंक से लगभग 1000 करोड़ का लोन लिया। इसके अलावा भारत इंफ्रा, मेक्लोड रसल असम टी और खेतान ग्रुप के एवरीडे को 1,200 करोड़, ओंकार रियल्टर्स एंड डेवलपर्स की दो परियोजनायों को 2,710 करोड़ रुपये, रेडियस डेवलपर्स को 1,200 करोड़ रुपये और थापर ग्रुप की सी जी पावर 500 करोड़ रुपये का लोन दिया गया है
बता दें कि शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने प्रेस कांफ्रेंस कर उन कंपनियों के बारे में बताया था, जिन्हें यस बैंक ने लोन लिया था। उन्होंने कहा कि मैं इसमें ग्राहक गोपनीयता का उल्लंघन नहीं कर रही हूं। इनमें अनिल अंबानी समूह, एस्सेल, डीएचएफएल, आईएलएफएस, वोडाफोन उन संकटग्रस्त कंपनियों में शामिल हैं, जिन्हें यस बैंक ने कर्ज दिया था।
उन्होंने कहा कि वह इन नामों का खुलासा इसलिए कर रही हूं, क्योंकि विपक्षी दल उंगली उठा रहे हैं। सीतारमण ने इसके साथ ही यह भी कहा कि यह सब सार्वजनिक है और वह ग्राहकों की निजता का उल्लंघन नहीं कर रही हैं। वित्त मंत्री ने कहा, 'मैं यहां पुरानी कहानियां बताने नहीं आई हूं। 2004-14 के दौरान सत्ता में सरकार ने जैसे काम किया, उसकी वजह से बैंकिंग प्रणाली के समक्ष कई गंभीर चुनौतियां हैं। उनपर दोष मढ़ने की मेरे पास वजह है।'