2 महीने के लॉकडाउन में बिना पैसा खर्च किए ही यमुना हो गई इतनी साफ, 25 साल में 5000 करोड़ नहीं कर पाई
दिल्ली। गंदगी से भरी हुई यमुना नदी मार्च के आखिरी सप्ताह से शुरू हुए लॉकडाउन के बाद 25 मई तक खुद ही इतनी साफ हो गई है कि इसका पानी इस बात की गवाही दे रहा है। यमुना का साफ पानी यह बता रहा है कि गंदगी की असली वजह उद्योगों से निकला हुआ कचरा है जो लॉकडाउन की वजह से बंद है। पिछले 25 सालों में 5000 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर भी यमुना मैली की मैली ही रही लेकिन दो महीने के लॉकडाउन में ही बिना एक पैसा खर्च किए यह साफ हो गई।
'मैं हैरान हूं, यमुना इतनी साफ कभी नहीं दिखी'
भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून से जुड़े एक अधिकारी राजीव चौहान पिछले तीस साल से यमुना नदी पर नजर रखे हुए हैं। उन्होंने एनडीटीवी से बात करते हुए कहा कि मैं 2000 से मैं यमुना एक्शन प्लान में काम कर रहा हूं और पिछले बीस सालों में मैंने कभी इस नदी को इतना साफ नहीं देखा। प्रदूषण का स्तर इतना कम हो गया है कि उत्तर प्रदेश के इटावा के पास यमुना का पानी बिल्कुल साफ है। यहां चंबल नदी भी गंदगी को साफ करने में मदद करती है। उन्होंने कहा कि मैं यह देखकर हैरान हूं कि लॉकडाउन का असर सभी नदियों पर पड़ा है।
दिल्ली में यमुना 33 प्रतिशत ज्यादा साफ
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी के शोध में यह पता चला है कि राजधानी में यमुना लॉकडाउन के पहले की अपेक्षा 33 प्रतिशत ज्यादा साफ है। यह भी देखने को मिला है कि मथुरा में जाकर यमुना का प्रदूषण और कम हुआ है। दिल्ली में नदियों के संरक्षण के काम में लगे दीवान सिंह का कहना है कि नदी खुद अपनी प्राकृतिक क्षमता के दम पर साफ हुई है। अब राज्य सरकारों की जिम्मेदारी है कि वे उद्योगों से निकले कचरे को फिर से यमुना में गिराने से रोकें।
80 प्रतिशत गंदगी दिल्ली, आगरा, मथुरा में
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, 1400 किलोमीटर लंबी यमुना नदी सात राज्यों से होकर बहती है और इसमें उद्योगों से निकला कचरा बिना ट्रीटमेंट के ही गिरा दिया जाता है। हरियाणा के पानीपत और दिल्ली के बीच, मथुरा और आगरा तक यमुना में इतना ज्यादा कचरा गिराया जाता है कि यह नदी देश की सबसे प्रदूषित नदी बन जाती है। यमुना में 80 प्रतिशत प्रदूषण इन्हीं क्षेत्रों की वजह से है।
क्या साफ रह पाएगी यमुना?
25 मार्च को हुए लॉकडाउन के कुछ दिनों बाद से ही यमुना नदी के साफ होने की तस्वीरें सोशल मीडिया में शेयर होने लगीं। अब यमुना में फिर से प्रवासी और अप्रवासी पक्षियों को देखा जा सकता है। सबसे बड़ा सवाल यही है कि लॉकडाउन के खुलने के बाद क्या यमुना इतना भी साफ रह पाएगी?