दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रतन लाल को जमानत मिली, ज्ञानवापी मामले पर पोस्ट के चलते हुए थे गिरफ्तार
नई दिल्ली, 21 मई: दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रतन लाल को कथित आपत्तिजनक ट्वीट करने के मामले में जमानत मिल गई है। वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के दावे का मजाक उड़ाते हुए रतनलाल ने कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। जिस पर शुक्रवार को उनको दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने आज उनको दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जमानत मिल गई। अदालत ने प्रोफेसर रतन लाल को ने 50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी है।

कोर्ट में रतन लाल के वकील ने कहा कि मामले में कोई केस ही नहीं बनता है। जिस मामले में उनको गिरफ्तार किया गया है, उसमें तो एफआईआर भी नहीं होनी चहिए। ऐसे में रतन लाल के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द होनी चाहिए और उनकोजमानत मिलनी चाहिए। वहीं पुलिस के वकील ने कोर्ट से रतन लाल को न्यायिक हिरासत में जेल भेजे जाने की मांग की। पुलिस ने कहा कि आरोपी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा जाना चाहिए।
रतन लाल दिल्ली यूनीवर्सिटी के हिंदू कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर हैं। वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में शिवलिंग पाए जाने के हिन्दू पक्ष दावों का मजाक बनाते हुए उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की थी। इसे आपत्तिजनक मानते हुए आईपीसी की धारा 153ए (दो समूहों के बीच वैमनस्य फैलाने) और 295ए (धार्मिक भावनाओं को आहत करना) के तहत उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। जिसके बाद शुक्रवार रात को रतनलाल को गिरफ्तार किया गया था।
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