प्रदूषण: SC ने केंद्र और दिल्ली सरकार को दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम, कहा- आप निपटो, नहीं तो हम लेंगे फैसला
नई दिल्ली, 02 दिसंबर। देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और एनसीआर में बढ़े वायु प्रदूषण पर आज (गुरुवार) फिर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। पिछले महीने दिवाली के बाद से ही दिल्ली की हवा खराब या गंभीर श्रेणी में दर्ज की जा रही है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सुनवाई में केंद्र और दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए पॉल्यूशन से निपटने के लिए जल्द उचित कदम उठाने के निर्देश दिए थे। आज फिर सुप्रीम कोर्ट ने शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण स्तर के बीच स्कूल खोलने के लिए दिल्ली सरकार की खिंचाई की।
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सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा, 'जब सरकार ने वयस्कों के लिए वर्क फ्रॉम होम लागू किया तो बच्चों को स्कूल जाने के लिए क्यों मजबूर किया जा रहा है?' सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा, 'हमें लगता है कि वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने के बावजूद इस समस्या से निपटने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है।' सर्वोच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार से सीएनजी बसों को लेकर भी सवाल किया। बता दें कि दिल्ली के 17 वर्षीय छात्र आदित्य दुबे की राजधानी में बढ़ते प्रदूषण के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है।
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सुप्रीम कोर्ट ने एनसीआर और आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग से कहा कि आपात स्थिति में आपको आकस्मिक तरीके से काम करना होगा। कोर्ट ने केंद्र से कहा, 'हम आपकी नौकरशाही में रचनात्मकता को लागू या थोप नहीं सकते, आपको कुछ कदम उठाने होंगे।' केंद्र के सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि शीर्ष अधिकारी प्रदूषण के बारे में समान रूप से चिंतित हैं और बिजली संरचना को फिर से बनाने की जरूरत है। SG ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए उच्चतम प्राधिकरण से बात करने और अतिरिक्त उपायों के साथ आने के लिए समय मांगा।
सुप्रीम
कोर्ट
ने
दिया
24
घंटे
का
अल्टीमेटम
सुप्रीम
कोर्ट
ने
दिल्ली
सरकार
से
आगे
कहा,
"हम
औद्योगिक
और
वाहनों
के
प्रदूषण
को
लेकर
गंभीर
हैं।
आप
हमारे
कंधों
से
गोलियां
नहीं
चला
सकते,
आपको
कदम
उठाने
होंगे।
स्कूल
क्यों
खुले
हैं?'
सुप्रीम
कोर्ट
ने
केंद्र
और
दिल्ली
सरकार
को
वायु
प्रदूषण
नियंत्रण
उपायों
को
लागू
करने
के
लिए
गंभीर
योजना
बनाने
के
लिए
24
घंटे
की
समय
सीमा
दी
है।
सुप्रीम
कोर्ट
ने
केंद्र
और
दिल्ली
सरकारों
से
कहा
कि
अगर
वे
प्रदूषण
को
नियंत्रित
करने
के
उपाय
नहीं
करते
हैं
तो
अदालत
आदेश
पारित
करेगी।
इसके
साथ
ही
कोर्ट
ने
सुनवाई
को
कल
(शुक्रवार)
सुबह
10
बजे
तक
के
लिए
टाल
दिया
है।