बचके रहना: दिल्ली के 10 में से तीन ड्राइवरों को ठीक से दिखाई नहीं देता
सर्वे: दिल्ली के 30 फीसदी ड्राइवरों की निगाह कमजोर, सड़क पर सामने का देख ही नहीं पाते
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के 10 में से 3 ड्राइवरों की दूर की निगाह कमजोर है, तो वहीं आधे ड्राइवरों को पास का ठीक से नहीं दिखता है। दिल्ली में ड्राइवर के पेशे में शामिल लोगों पर सर्वे के बाद सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टिट्यूट (सीआरआरआई) ने अध्ययन के बाद ये रिपोर्ट दी है। दिल्ली में कार, टैक्सी, ट्रक और बस चलाने वाले 627 ड्राइवरों पर ये सर्वे किया गया है।
सर्वे में 72 फीसदी कमर्शल ड्राइवरों का विजन टेस्ट कराया गया। सड़क पर ही पैदल चलने वालों को भी सर्वे में शामिल किया गया। सर्वे में सामने आया है कि 19 फीसदी ड्राइवरों को कलर ब्लाइंडनस (रंगों को पहचानने में दिक्कत) है। 29 फीसदी ड्राइवरों का कहना है कि वो हर रोज 10 घंटे से ज्यादा ड्राइविंग करते हैं, जो कानूनन ठीक नहीं है।
अध्ययन के बाद सामने आया है कि छह फीसदी दुर्घनाओं में ड्राइवर की कमजोर निगाह वजह होती हैं। सर्वे में ड्राइवरों ने माना कि ट्रैफिक नियम तोड़ने की वजह से 15 फीसदी एक्सीडेंट होते हैं। आपको बता दें कि मोटर वीइकल ऐक्ट के मुताबिक ड्राइविंग लाइसेंस बनवाते हुए व्यक्ति को ये साबित करना होता है कि उसे नजरों की दिक्कत नहीं है लेकिन देखने में आया है कि बिना ठीक से आंखों की जांच के ही लाइसेंस बना दिए जाते हैं।