रमजान के दौरान घरों में ही रहकर करें इबादत: शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी
दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी के कारण भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में हाहाकार मच हुआ है। कोरोना महामारी की चेन को तोड़ने के लिए देश में लॉकडाउन लागू है। इसी बीच 24 अप्रैल से रमजान का मुबारक महीना भी शुरू हो रहा है। रमजान के मुबारक महीने में देशभर के उलेमाओं ने मुसलमानों से अपील की है कि वे अपने-अपने घरों में रहकर ही इबादत करें। ऐसा करने से वे अपने परिवार और देश को इस खतरनाक बीमारी से बचा सकते हैं।
जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने बुधवार को लोगों से कहा कि हुकूमत की हिदायतों पर चलकर हम खुद को और अपने मुल्क को बचा सकते हैं। सभी लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। नमाज और तरावीह अपने-अपने घरों में ही अदा करें। इसके अलावा जो लोग कोरोना बीमारी का शिकार होकर ठीक हो गए हैं, वे जरूर दूसरे लोगों के लिए अपना खून (प्लाज्मा) दान करें।
फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम डॉ. मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने कहा कि कोरोना वायरस से आज पूरी दुनिया परेशान है। सरकार ने इस वायरस को खत्म करने के लिए ही लॉकडाउन किया हुआ है। ऐसे में हमें सरकार और डॉक्टरों की बात माननी है। रमजान के दौरान सभी लोग अपने-अपने घरों में रहकर ही इबादत करें। सहरी और इफ्तार के समय किसी भी सूरत में बाहर न निकलें। इसके साथ ही, किसी भी पड़ोसी को न तो अपने घर बुलाएं और न ही उसके घर जाएं।
पुलिस
भी
कमर
कसकर
है
तैयार
रमजान
के
दौरान
लॉकडाउन
का
पालन
कराने
के
लिए
दिल्ली
पुलिस
ने
भी
कमर
कस
ली
है।
वरिष्ठ
पुलिस
अधिकारियों
का
कहना
है
कि
हर
कीमत
पर
लॉकडाउन
का
पालन
कराया
जाएगा।
इसके
लिए
मुस्लिम
बहुल
इलाकों
में
इमाम,
मुअज्जिज
लोगों
व
मौलानाओं
के
साथ
बैठकर
लोगों
से
लॉकडाउन
व
सामाजिक
दूरी
का
पालन
करने
के
लिए
कहा
जा
रहा
है।
सहरी
और
इफ्तारी
के
समय
पर
पुलिस
बल
की
तैनाती
की
गई
है।
बता
दें
कि
सहरी
और
इफ्तारी
के
समय
लोग
अपने
घरों
की
छत
पर
भीड़
इकट्ठी
न
करें,
इसके
लिए
पुलिस
ड्रोन
से
नजर
रखेगी।
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