सत्येंद्र जैन की विधायकी खत्म करने के लिए HC में जनहित याचिका, याददाश्त खो जाने का दिया हवाला
नई दिल्ली, 10 अगस्त: मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन लगातार विपक्ष के निशाने पर हैं। इस बीच दिल्ली हाईकोर्ट में उनके खिलाफ एक जनहित याचिका डाली गई, जिसमें उनकी विधायकी खत्म करने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता ने मांग के पीछे जैन के उस बयान का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने याददाश्त खो जाने की बात कही थी। इसके अलावा जैन ने मंत्री रहते जो फैसले लिए हैं, उसको भी रद्द करने की मांग की गई है।
याचिकाकर्ता के मुताबिक संविधान में अनुच्छेद 191 (1) (b) के प्रावधानों में साफतौर पर कहा गया है कि अगर कोई निर्वाचित नेता विकृत दिमाग का है और उसे सक्षम कोर्ट की ओर से ऐसा घोषित किया गया हो, तो उसको विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य बने रहने का अधिकार नहीं है। दिल्ली सरकार संविधान के प्रावधान का उल्लंघन कर रही है। ऐसे में सत्येंद्र जैन की विधायकी खत्म कर दी जाए।
मीडिया से बात करते हुए याचिकाकर्ता आशीष कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि उन्होंने अपने वकील रुद्र विक्रम सिंह के जरिए दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। जिसमें कहा गया कि सत्येंद्र जैन अपनी याददाश्त खो चुके हैं और अडिशनल सॉलिसिटर जनरल के जरिए ट्रायल कोर्ट से ये बात कही थी। ऐसे में उनको पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। जैन का कहना है कि कोरोना संक्रमण की वजह से उनकी याददाश्त पर असर पड़ा, ऐसे में संक्रमण के बाद बतौर मंत्री उन्होंने जो भी फैसले लिए हों, उन्हें रद्द किया जाए।
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सत्येंद्र जैन की पत्नी को कोर्ट से राहत, मिली अंतरिम जमानत
जैन
पर
क्या
हैं
आरोप?
हाल
ही
में
ईडी
ने
राउज
एवेन्यू
कोर्ट
में
इस
केस
की
चार्जशीट
दाखिल
की
थी।
इस
चार्जशीट
ने
शकूर
बस्ती
विधायक
के
अलावा
5
अन्य
आरोपियों
और
4
कंपनियों
के
नाम
हैं।
इस
मामले
में
उसके
कारोबारी
सहयोगी
अंकुश
जैन
और
वैभव
जैन
को
भी
गिरफ्तार
किया
गया
है।
चार्जशीट
के
मुताबिक
चारों
कंपनियां
शेल
कंपनियां
हैं,
जिन्होंने
कारोबार
नहीं
किया,
उनका
इस्तेमाल
सिर्फ
पैसों
की
हेराफेरी
में
हुआ।