डीयू के इस कॉलेज में 4000 छात्रों के लिए है सिर्फ एक टॉयलेट, प्रशासनिक खींचतान से परेशान स्टूडेंट
नई दिल्ली। दिल्ली यूनिवर्सिटी के नामी कॉलेजों में शुमार दौलतराम कॉलेज इन दिनों बदहाल है। प्रशासनिक खींचतान की वजह से कॉलेज का हाल बेहाल है और छात्र सुविधाएं न मिलने से परेशान हैं। हालत ये है कि चार हजार छात्रों वाले इस कॉलेज में सिर्फ एक टॉयलेट है। ऐसे में स्थिति का अंदाजा आप खुद लगा सकते हैं।
दरअसल, कॉलेज की प्रिंसिपल सविता रॉय और गवर्निंग बॉडी की चेयरपर्सन सुनीता सुदर्शन के बीच खींचतान की वजह से छात्रों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। प्रिंसिपल का आरोप है कि गवर्निंग बॉडी कॉलेज प्रशासन के रूटीन कामों में भी दखल दे रही है जिसकी वजह से परेशानी आ रही है। वहीं, गवर्निंग बॉडी की चेयरपर्सन ने आरोप लगाया कि प्रिंसिपल ने इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट के लिए जारी किए गए 9 करोड़ रुपये में से कुछ भी खर्च नहीं किया। जिस वजह से अब परेशानी आ रही है।
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छात्रों
ने
किया
था
विरोध-प्रदर्शन
सुविधाएं
न
मिलने
से
परेशान
छात्रों
और
शिक्षकों
ने
बीते
शनिवार
को
गवर्निंग
बॉडी
के
खिलाफ
विरोध-प्रदर्शन
भी
किया
था।
छात्रों
का
आरोप
है
कि
प्रिंसिपल
और
चेयरपर्सन
के
बीच
विवाद
का
नुकसान
उनको
उठाना
पड़
रहा
है।
छात्र
फीस
बढ़ाए
जाने
से
भी
नाराज
हैं।
यहां
से
शुरू
हुआ
था
विवाद
बता
दें
कि
प्रिंसिपल
और
चेयरपर्सन
के
बीच
विवाद
अक्टूबर
2015
में
शुरू
हुआ
था,
जब
गवर्निंग
बॉडी
ने
कॉलेज
की
तीनों
मंजिलों
में
एक-एक
टॉयलेट
के
लिए
75
लाख
रुपये
जारी
किए
थे।
चेयरपर्सन
सुदर्शन
ने
कहा,
'बिना
किसी
तरह
की
व्यवस्था
किए
प्रिंसिपल
ने
सारे
टॉयलेट
तुड़वा
दिए।'
वहीं,
अपने
बचाव
में
प्रिंसिपल
ने
कहा
कि
टॉयलेट
इस्तेमाल
किए
जाने
की
कंडीशन
में
नहीं
थे
इसलिए
ऐसा
किया
गया।
उन्होंने
कहा,
'आर्किटेक्ट
की
सलाह
से
ऐसा
किया
गया
था।
दीवारे
और
छत
भी
खराब
हो
रही
थी,
इससे
छात्रों
को
भी
खतरा
था।'
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और
भी
लग
हैं
आरोप
मामला
कॉलेज
में
टॉयलेट
रेनोवेशन
का
ही
नहीं
है।
प्रिंसिपल
ने
कहा
कि
साइकोलॉजी
विभाग
के
क्लास
रूम
में
विकलांगों
के
लिए
लिफ्ट
लगाए
जाने
का
काम
भी
आधे
में
रोक
दिया
गया,
क्योंकि
फंड
नहीं
मिला।
जबकि
चेयरपर्सन
का
कहना
है
कि
वह
इस
बात
के
सबूत
दे
सकती
हैं
कि
फंड
जारी
किया
जा
चुका
है।
बता दें कि कॉलेज की चेयरपर्सन सुनीता सुदर्शन, इसके संस्थापक दौलत राम गुप्ता की पोती हैं। उन्होंने पूरे विवाद में डीयू और वाइस चांसलर का नाम भी घसीटा है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रिंसिपल ने वीसी के इशारे पर ही कॉलेज की छवि खराब करने की कोशिश की है।