दोषियों के वकील पर पहली बार बोलीं निर्भया की मां, वो इसलिए कोर्ट को गुमराह कर रहे हैं क्योंकि...
नई दिल्ली। निर्भया की मां आशा देवी ने दोषी विनय शर्मा के वकील पर कोर्ट को गुमराह करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि विनय के वकील एपी सिंह कोर्ट को गुमराह कर रहे हैं ताकि न्याय में देरी हो। बता दें, गुरुवार को विनय के वकील एपी सिंह ने पटियाला हाउस कोर्ट में अर्जी दायर कर विनय को मानसिक रोगी बताया। साथ ही कहा कि उसके सिर में गंभीर चोट और हाथ में फ्रैक्चर है, लिहाजा उसे जांच के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जाए।

'विनय के वकील को है आराम की जरूरत'
एएनआई के मुताबिक, निर्भया की मां ने कहा, ''दोषी विनय के वकील के पास अब कुछ नहीं है... वह न्याय में देरी करने के लिए कोर्ट को गुमराह कर रहे हैं। विनय को नहीं बल्कि उनके वकील को आराम की जरूरत है। विनय पूरी तरह ठीक है... वह मानसिक रूप से स्थिर हैं।'' बता दें, दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सोमवार को चारों दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी किया था। तीन मार्च को सुबह छह बजे फांसी होनी है।

विनय ने डाली एक और याचिका
दोषी विनय ने अपने वकील के माध्यम से पटियाला हाउस कोर्ट में एक नई याचिका डाली है, जिसमें उसने कहा है कि वह मानसिक रूप से बीमार है और उसे उच्च स्तरीय चिकित्सा की जरूरत है। एपी सिंह ने अदालत से विनय के हेल्थ चेकअप और मेडिकल रिपोर्ट के लिए जेल प्रशासन को निर्देश देने की मांग भी की थी। पटियाला हाउस कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई शनिवार दोपहर 12 बजे होगी। इससे पहले, दिल्ली हाई कोर्ट ने पांच फरवरी को चारों दोषियों को एक हफ्ते का समय दिया था। यह समय उन्हें उपलब्ध सभी कानूनी उपायों का सहारा लेने के लिए दिया गया। कोर्ट ने कहा था कि दोषियों को अलग-अलग फांसी नहीं दी जा सकती, क्योंकि सभी एक भी अपराध में दोषी ठहराए गए हैं।

दोषियों को फांसी के लिए रोज कैंडल मार्च निकाल रहे द्वारका के लोग
उधर, निर्भया के दोषियों को फांसी पर लटकाने की मांग को लेकर दिल्ली के द्वारका में पिछले दो महीने से रोज कैंडल मार्च निकाला जा रहा है। इस मार्च में निर्भया के माता-पिता भी रोजाना शामिल होते हैं। निर्भया की मां का कहना है कि लोग अपनी इच्छा से मार्च निकाल रहे हैं। यह उन सभी लोगों की लड़ाई है जो महिला सुरक्षा को लेकर शंका से भरे माहौल में जी रहे हैं। यह लड़ाई उन सभी लड़कियों की लड़ाई है जो घर से नौकरी के लिए, पढ़ाई के लिए, खरीदारी के लिए, अपनों से मिलने के लिए इस उम्मीद के साथ निकलती हैं कि वे काम पूरा होने पर सुरक्षित अपने घर लौट आएंगी। यह उम्मीद यकीन में तभी तब्दील होगा जब लड़कियों के प्रति नकारात्मक सोच रखने वाले लोगों को एक कठोर संदेश दिया जाएगा।
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