जंतर-मंतर पर चल रहे सभी धरना-प्रदर्शनों को तुरंत रोके दिल्ली सरकार: एनजीटी
नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली सरकार को जंतर-मंतर पर होने वाले धरनों, बैठकों और विरोध प्रदर्शनों को तुरंत रोकने को कहा है। एनजीटी के चेयरपर्सन जस्टिस आरएस राठौड की अध्यक्षता में बैंच ने गुरुवार को दिल्ली सरकार के साथ-साथ दिल्ली नगर परिषद परिषद (एनडीएमसी) को भी इस बाबत निर्देश दिए हैं। बैंच ने दिल्ली के कनॉट पैलेस के पास स्थित जंतर-मंतर से अस्थाई धरना-स्थल, लाउड स्पीकर और दूसरी चीजें भी हटाने को कहा है।
ट्रिब्यूनल ने आदेश दिया है कि धरनारत लोगों और संगठनों को वैक्लिक तौर पर रामलील मैदान में शिफ्ट किया जाए। पैनल का कहना है कि धरना आदि के लिए इस जगह का इस्तेमाल पर्यावरण कानून (प्रदूषण रोकथाम और नियंत्रण अधिनियम, 1981) का उल्लंघन है। बैंच ने कहा कि ये जंतर-मंतर के पास रहने वाले उन लोगों की निजता के अधिकार का भी उल्लंघन है, जिनकी शान्ति विरोध प्रदर्शनों के चलते भंग होती है।
एनजीटी ने वरुण सेठ नाम के याचिकाकर्ता की याचिका पर ये निर्देश दिया है। याचिका में कहा गया है कि सामाजिक संगठनों, राजनीतिक पार्टियों और एनजीओ के लगातार धरनों की वजह से क्षेत्र मे शोर बढ़ रहा है, जो कि इस क्षेत्र के लोंगों की निजता में हस्तक्षेप है। याचिका पर सुनवाई के बाद एनजीटी ने जंतर-मंतर से लोगों को हटाने के लिए कहा है।
दिल्ली-एनसीआर में नहीं चलेंगी 10 साल पुरानी डीजल गाड़ियां, NGT ने बैन हटाने से किया मना