मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में आज नहीं आएगा फैसला, जज के छुट्टी पर होने की वजह से टला निर्णय
दिल्ली। बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में 12 दिसंबर को आने वाला फैसला टल गया है। दरअसल, साकेत कोर्ट के एडिशनल जज डॉ. सौरभ कुलश्रेष्ठ के छुट्टी पर होने की वजह से यह फैसला टल गया है। अब इस मामले में 14 जनवरी को फैसला आएगा। बता दें कि इस मामले में मुख्य आरोपी बृजेश ठाकुर है। बृजेश के साथ-साथ इस पूरे मामले में कुल 20 आरोपी हैं जिन पर पॉक्सो समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था। बृजेश ठाकुर के मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम में काम करने वाले कर्मचारी और सामाजिक कल्याण विभाग के अधिकारी भी इस मामले में आरोपी हैं।
टिस की रिपोर्ट में हुआ था खुलासा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मामला बिहार के शेल्टर होम में 40 नाबालिग बच्चियों और लड़कियों से रेप से जुड़ा है। टाटा इंस्टरच्यूट ऑफ सोशल साइंस (टिस) की सोशल ऑडिट रिपोर्ट में बिहार के विभिन्न शेल्टर होम में लड़कियों व बच्चों के उत्पीड़न व उनके साथ यौन हिंसा की बातें उजागर हुईं थीं। पहले तो सरकार ने इसपर ध्यान नहीं दिया, लेकिन बाद में कार्रवाई की गई। बता दें कि मामला बढ़ने पर पिछले साल जुलाई में मुजफ्फरपुर बालिका गृह रेप मामले में सीबीआई ने आरोपी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
बिहर से किया गया दिल्ली ट्रांसफर
उसके बाद यह मामला इतना बढ़ गया कि सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद इस पूरे मामले को ही बिहार से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया गया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 23 फरवरी से इस मामले की साकेत कोर्ट में नियमित सुनवाई चल रही थी। सुप्रीम कोर्ट ने छह महीने में ट्रायल पूरा करने का निर्देश दिया था। सितंबर में साकेत कोर्ट ने इस पूरे मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था और 12 दिसंबर तक के लिए फैसले को टाल दिया था।
मामले में कुल 22 लोग हैं आरोपी
इस मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर समेत 21 आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो, रेप, आपराधिक साजिश और अन्य धाराओं के अंतर्गत आरोप तय किये थे। आरोप है कि जिस शेल्टर होम में बच्चियों के साथ रेप हुआ था, वो ब्रजेश ठाकुर का है। इस मामले में ब्रजेश ठाकुर के अलावा शेल्टर होम के कर्मचारी और बिहार सरकार के समाज कल्याण विभाग के अधिकारी भी आरोपी हैं।