जामिया फायरिंगः चंदन और कमलेश तिवारी की हत्या से दुखी था नाबालिग
नई दिल्ली। दिल्ली के जामिया इलाके में बीते गुरुवार को सीएए और एनआरसी के विरोध में निकाले गए रैली के दौरान फायरिंग करने वाले नाबालिग ने पुलिस पूछताछ में हैरान कर देने वाला खुलासा किया है। उसने बताया कि देशभर में सीएए विरोध प्रदर्शनों और हिंदूवादी युवा नेताओं की हत्या से आहत था। आरोपित सीएए के विरोध में प्रदर्शन के लिए केवल एक ही समुदाय के लोगों को जिम्मेदार मानता है।
हिंदूवादी नेताओं की हत्या से आहत था नाबालिग
उसने पूछताछ में बताया है कि शरजील इमाम जैसे भाषण देने वालों और सर्जिकल स्ट्राइक का मजाक उड़ाने वालों को विदेशी एजेंट मानता है। आरोपित नाबालिग सोशल मीडिया पर कट्टरवादी वीडियो देखता था। नाबालिग ने बताया कि वह साल 2018 में 26 जनवरी को कासगंज में निकाली गई तिरंगा यात्रा के दौरान चंदन की हत्या और पिछले सात हिंदूवादी नेता कमलेश तिवारी की हत्या से काफी आहत था।
कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार से आक्रोशित था नाबालिग
पुलिस के मुताबिक नाबालिग कश्मीरी पंडितों पर हुए अत्याचार से भी बेहद गुस्से में था। हालांकि क्राइम ब्रांच यह पता लगाने में जुटी हुई है कि नाबालिग को इस तरह की घटना को अंजाम देने के लिए किसी ने उकसाया तो नहीं था। दरअसल, जामिया इलाके में आरोपित नाबालिग द्वारा चलाई गई गोली से प्रदर्शन कर रहा जामिया का एक छात्र घायल हो गया था।
अचानक से कट्टा निकालकर करने लगा फायरिंग
बता दें कि गोली चलाने का आरोपित जेवर स्थित घर से बहाना बनाकर बस से दिल्ली आया था। फिर ऑटो से जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय पहुंच गया था। यहां पर वह प्रदर्शनकारियों के साथ कुछ समय तक रहा। अचानक नाबालिग ने कट्टा निकाल प्रदर्शनकारियों के बीच खड़ा हो गया। इस दौरान फयरिंग हो गई।
जामिया हिंसा: 1 करोड़ रुपए मुआवजे की याचिका पर HC ने दिल्ली सरकार और पुलिस को भेजा नोटिस