दिल्ली में मकान पर गिरा मानव अपशिष्ट? DGCA ने कहा- किसी पक्षी ने किया होगा घर को गंदा
नई दिल्ली: नागरिक विमानन महानिदेशालय ने एनजीटी में एक याचिका दायर की है जिसमें ये दावा किया गया है कि विमानों की उड़ान के दौरान आसमान में शौचालय से मानव अपशिष्ट नीचे गिराना संभव नहीं है। दरअसल, रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल सतवंत सिंह दहिया ने एनजीटी में एक याचिका दायर की थी और ये आरोप लगाया था कि साल 2016 में दिवाली से ठीक पहले उनके आवास पर विमान से मानव अपशिष्ट गिरा था। इसके बाद एनजीटी ने डीजीसीए को निर्देश दिया था कि सभी एयरलाइन्स को यह नोटिस जारी करे कि इस तरह की घटना के बाद उन्हें पर्यावरण मुआवजा के तौर पर 50,000 रूपये देना होगा।
इसी मामले में डीजीसीए ने एक याचिका दायर कर पुराने आदेश पर रोक लगाने की अपील की है और कहा है कि आसमान में विमान के शौचालय से मानव अपशिष्ट गिराना असंभव है।
दहिया की याचिका के बाद एनजीटी ने निर्देश दिया था जिसके बाद अब डीजीसीए ने अपना जवाब दाखिल करने के साथ ही पहले के निर्देश पर पुनर्विचार करने की अपील की है। डीजीसीए द्वारा दाखिल की गई याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता के मकान को किसी पक्षी द्वारा गन्दा किया होगा। उस वक्त एनजीटी ने अपशिष्ट के नमूने की जांच का आदेश दे दिया था।
वहीं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से नमूनों में मानव अपशिष्ट की मौजूदगी के संकेत भी मिलने की बात कही गई थी। एनजीटी ने डीजीसीए को विमान की लैंडिग के वक्त औचक निरीक्षण करने को भी कहा है जिससे ये मालूम हो सके कि विमान के शौचालयों की टंकी एयरपोर्ट पर उतरते समय खाली न हो।