स्वाति मालीवाल को ट्विटर पर मिली जान से मारने की धमकी, 'बॉयज लॉकर रूम' पर उठाई थी आवाज
दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल को कथित तौर पर जान से मारने की धमकी मिली है। यह धमकी उन्हें ट्विटर के जरिए मिली है। धमकी मिलने के बाद स्वाति मालीवाल ने दिल्ली पुलिस की साइबर सेल के पुलिस उपायुक्त को पत्र लिखकर मामले की शिकायत की है। पत्र में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा है कि एक आईडी से उनके ट्विटर पर कई अभद्र मैसेज किए गए हैं।
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स्वाती मालीवाल ने उठाई थी आवाज
दरअसल, डीसीडब्ल्यू की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने हाल ही में 'ब्वाइस लाकर रूम' और जेल में बंद जामिया की छात्रा सफूरा जरगर के अजन्मे बच्चे के पिता के मसले पर आवाज उठाई थी। जिसके बाद उन्हें ट्विटर पर कथित तौर पर जान से मारने की धमकी मिली, जिसे उन्होंने गंभीरता से लिया। यही वजह है कि उन्होंने दिल्ली पुलिस की साइबर सेल में इसकी शिकायत भी दर्ज कराई है। इसके साथ ही स्वाति मालीवाल ने साइबर सेल के डीसीपी को शिकायत देकर कहा है कि यह धमकी उन्हें शुभम संदीप नाम के व्यक्ति के ट्विटर हैंडल से दी गई है। उन्होंने मामले की जांच कर आरोपी की गिरफ्तारी की मांग की है।
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बॉयज लॉकर ग्रुप का एडमिन हो चुका है गिरफ्तार
इंस्टाग्राम पर चैट ग्रुप बनाकर अश्लील बातें करने वाले बॉयज लॉकर रूम के जिस एडमिन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, वो नोएडा के नामी स्कूल का छात्र है। साइबर सेल के सूत्रों के मुताबिक, आरोपी छात्र ने पूछताछ में बताया कि उसने अपने 4 दोस्तों के साथ मिलकर इस ग्रुप की शुरुआत थी। साइबर सेल ग्रुप के 27 लोगों की पहचान कर चुकी है। वहीं, 11 लोगों के मोबाइल जब्त किए गए हैं। इस ग्रुप में दिल्ली और नोएडा के स्टूडेंट्स का पता चला है। साइबर सेल ने इंस्टाग्राम से इस ग्रुप की पूरी डिटेल मांगी है क्योंकि ग्रुप की चैट वायरल होने के बाद ग्रुप को डिलीट कर दिया गया था।
आरोपियों को हो सकती है पांच साल की सजा
बॉयज लॉकर रूम ग्रुप मामले में दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने आरोपियों पर आईपीसी की चार धाराएं भी लगाई हैं। इनके तहत दो से पांच वर्ष तक की सजा का प्रावधान है। अभी तक की जांच में सामने आया कि ग्रुप में तीन लड़कियों की अश्लील फोटो पोस्ट की गई थीं। हालांकि, इन फोटो के साथ छेड़छाड़ के सुबूत पुलिस को अभी तक नहीं मिले हैं। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एफआईआर में आरोपियों के खिलाफ आईटी की धाराओं के अलावा आईपीसी की धारा 465, 469, 471 और 509 लगाई हैं।