दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल अमित की कोविड-19 से हुई मौत, एंबुलेंस में ही तोड़ दिया दम
दिल्ली। कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के संक्रमण से दिल्ली के भारत नगर पुलिस चौकी पर तैनात कांस्टेबल की मौत हो गई। हांलाकि जब कांस्टेबल अमित राणा की मौत हुई थी तो उनकी रिपोर्ट नहीं आई थी, यह रिपोर्ट 6 मई की देर शाम तक आई है जिसमें कोरोना की पुष्टि हुई। बता दें कि सोमवार की शाम तक अमित बिल्कुल स्वस्थ्य थे, उन्हें अहसास तक नहीं था कि कोरोना उनके शरीर पर हमला कर चुका है। अचानक उनकी तबियत बिगड़ी और 24 घंटे के अंदर ही अमित की मौत हो गई।
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सांस लेने में होने लगी थी तकलीफ
अमित राणा (31) सोनीपत के रहने वाले थे और दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के पद पर भारत नगर पुलिस चौकी पर तैनात थे। अमित सोमवार की शाम ड्यूटी करके अपने रूम में लौटे तब उन्हें हल्का बुखार आया और वे दवा लेकर सो गए। लेकिन रात करीब 2 बजे जब उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी तो उन्होंने अपने रूम पार्टनर को बताया। इसके बाद अमित को गर्म पानी और चाय दी, लेकिन उनकी तबियत में कोई सुधार नहीं हुआ। उसके बाद मंगलवार सुबह तड़के उनका रूम पार्टनर उन्हें लेकर अशोक विहार इलाके में जहां पुलिस कर्मियों का कोरोनो टेस्ट सेंटर है वहां ले गया। लेकिन वहां उन्हें बताया कि यहां केवल कोरोनो का टेस्ट हो सकता है, भर्ती नहीं कर सकते।
कोविड-19 टेस्ट के बाद दी गई थी आराम करने की सलाह
उसके बाद उसे बाबा साहब अम्बेडकर अस्पताल ले जाया गया। वहां भी कहा कि वे अमित को एडमिट नहीं कर सकते। इसके बाद एसएचओ भरत नगर राम मोहर मीणा ने फोन कर कांस्टेबल को दीपचंद बंधु अस्पताल ले जाने के लिए कहा। जब अमित को ले जाया गया तो अस्पताल के डॉक्टरों ने कुछ दवा दी जिससे अमित की हालत में सुधार हुआ। उसके बाद डॉक्टरों ने उसे कोरोनो टेस्ट कराने के लिए कहा। उत्तरी पश्चिमी जिले की डीसीपी विजयंता आर्या के मुताबिक उसके बाद अमित का अशोक विहार कोरोनो टेस्ट के सेंटर में टेस्ट हुआ और फिर उसे आराम करने की सलाह दी गई।
आरएमएल अस्पताल ले जाते समय रास्ते में तोड़ा दम
डॉक्टरों ने उससे कहा कि वो अपने कमरे में ही क्वारंटाइन रहे। अमित टेस्ट कराने के बाद अपने कमरे में वापस लौट आया। लेकिन मंगलवार शाम उसकी तबियत फिर से बिगड़ गई। विजयंता आर्या के मुताबिक जैसे ही इसकी जानकारी एसएचओ को मिली उन्होंने फौरन आरएमएल अस्पताल में बात करके अमित को वहां भेजा, लेकिन अमित ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। एसएचओ राम मनोहर मीणा को भी इस खतरे का अहसास नहीं था और उन्होंने थाने में मंगलवार को शादी की सालगिरह का केक भी काटा, जिसे लेकर उनकी आलोचना हो रही है। बुधवार को अमित की कोरोनो की रिपोर्ट भी आ गई जिसमें पता चला कि वे कोरोना पॉजिटिव थे।
दिल्ली पुलिस में कोरोना से पहली मौत, कांस्टेबल ने गंवाई जान
अब सवाल ये खड़ा होता है कि समय पर अमित को वेंटीलेटर मिल जाता तो क्या उसकी जान बच सकती थी। महज़ 24 घंटे में ही अमित को कोरोनो के लक्षण आए और उसकी मौत हो गई। ये हर किसी के लिए डरावना है। बुधवार को दिल्ली पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने ट्वीट कर कहा कोरोनो से लड़ाई लड़ने वाले हमने अपने एक योद्धा को खो दिया। अमित का बलिदान याद रखा जाएगा। हम मांग करते हैं कि दिल्ली सरकार मुआवजे के तौर पर अमित के परिवार को एक करोड़ रुपए दे। सोनीपत के रहने वाले अमित शादीशुदा थे और उनका 3 साल का बेटा भी है। दिल्ली में किसी दिल्ली पुलिस के जवान की कोरोनो से ये पहली मौत है। दिल्ली पुलिस के 80 जवान कोरोनो संक्रमित हो चुके हैं।
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परिवार को मिलेंगे सम्मान राशि
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कांस्टेबल अमित राणा की मौत दुख व्यक्त किया है। साथ ही कहा कि, 'अमित जी अपनी जान की परवाह ना करते हुए करोना की इस महामारी के समय हम दिल्ली वालों की सेवा करते रहे। वे खुद करोना से संक्रमित हो गए और हमें छोड़ कर चले गए। उनकी शहादत को मैं सभी दिल्लीवासियो की ओर से नमन करता हूँ। उनके परिवार को 1 करोड़ रुपए की सम्मान राशि दी जाएगी।'
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